रांची: हाइकोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा व अन्य पूर्व मंत्रियों की आय से अधिक संपत्ति अजिर्त करने में सहयोग करने को लेकर दायर हस्तक्षेप याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई.
चीफ जस्टिस प्रकाश टाटिया व जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ ने आय से अधिक संपत्ति अजिर्त करने के मामले में जांच की मंद गति पर सीबीआइ की भूमिका को लेकर नाराजगी जतायी. खंडपीठ ने कहा कि याचिका महत्वपूर्ण है, इसकी जांच होनी चाहिए. खंडपीठ ने याचिका में उठाये गये पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व मंत्रियों द्वारा संपत्ति अजिर्त करने में अफसरों व उनके आप्त सचिवों की भूमिका की जांच कर स्टेट्स रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया.
खंडपीठ ने यह भी कहा कि स्टेटस रिपोर्ट में यह भी बताया जाये कि पूर्व आप्त सचिव एमएल पाल के ठिकाने से 65 करोड़ रुपये की संपत्ति की जानकारी मिलने के बाद जांच में क्या पाया गया. सीबीआइ को स्टेट्स रिपोर्ट दायर करने के लिए तीन सप्ताह का समय देते हुए खंडपीठ ने सुनवाई तीन सप्ताह के लिए स्थगित कर दी.
इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने खंडपीठ को बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के खिलाफ सीबीआइ ने 8.42 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति दिखायी है. जबकि प्रवर्तन निदेशालय (इडी) का कहना है कि 3000 करोड़ रुपये से अधिक संपत्ति अजिर्त की गयी है. इडी ने संपत्ति जब्त भी किया है. आयकर विभाग ने भी मधु कोड़ा की संपत्ति का मूल्यांकन किया है.