रांची: राज्य सरकार ने सीसीएल प्रबंधन से 2224.35 करोड़ रुपये की वसूली करने का निर्देश दिया है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव जेबी तुबिद ने रामगढ़ और गिरिडीह के उपायुक्त को सीसीएल की विभिन्न परियोजनाओं द्वारा उपयोग में लायी गयी जमीन के बाबत वार्षिक लगान, सेस की राशि और सलामी की राशि वसूलने को कहा है.
साथ ही डिमांड नोट जारी करने का आदेश दिया है. रामगढ़ के उपायुक्त ने 22 जनवरी 2011 को सीसीएल से लगान और सलामी की राशि वसूलने का आदेश मुख्यालय से मांगा था. सरकार का कहना है कि कोयला के राष्ट्रीयकरण के बाद से कोल कंपनियों ने सरकार को राजस्व नहीं दिया है.
जानकारी के अनुसार, कोल बियरिंग क्षेत्र में सीसीएल की खदानों में सरकार की ओर से गैर मजरुआ खास, गैर मजरुआ आम स्तर की 13500 एकड़ से अधिक जमीन अधिग्रहीत की गयी है. रामगढ़ के उपायुक्त ने इस बाबत सरकार से 2234.35 करोड़ की सलामी, 111.21 करोड़ की लगान की राशि और 161.26 एकड़ जमीन का सेस वसूलने की अनुमति मांगी थी. उपायुक्त ने कहा था कि रामगढ़ और आसपास में सीसीएल के खदानों में 11642 एकड़ जमीन ली गयी है. इसी प्रकार गिरिडीह जिले के उपायुक्त ने 2713 एकड़ जमीन के बाबत राजस्व वसूली का निर्देश मांगा था.
गिरिडीह के उपायुक्त की ओर से कुल 300 करोड़ के आसपास राजस्व वसूली का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया था. हजारीबाग जिले में 500 एकड़ भूमि पर सीसीएल की माइनिंग गतिविधियां चलने की बातें कही गयी हैं.