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1947 के बाद के सभी दस्तावेज सार्वजनिक हों : संघ

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चाहता है कि स्वतंत्र भारत में सभी सरकारी कागजात को गोपनीयता के दायरे से बाहर किया जाये. एक अंगरेजी अखबार के साथ साक्षात्कार में, संघ की इतिहास शाखा, अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के अखिल भारतीय संगठन मंत्री बालमुकुंदा पांडेय ने कहा, ”हम सरकार से कहते हैं कि सभी […]

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चाहता है कि स्वतंत्र भारत में सभी सरकारी कागजात को गोपनीयता के दायरे से बाहर किया जाये. एक अंगरेजी अखबार के साथ साक्षात्कार में, संघ की इतिहास शाखा, अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के अखिल भारतीय संगठन मंत्री बालमुकुंदा पांडेय ने कहा, ”हम सरकार से कहते हैं कि सभी दस्तावेजों को गोपनीयता के दायरे से बाहर करो. 1947 के बाद से कोई कागज सार्वजनिक नहीं किया गया है. यह बदलना चाहिए.”हाल ही में, मौजूदा सरकार ने 1962 मेंचीन के हाथों भारत की करारी हार पर एक रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया था. सरकार ने कहा था कि ‘हेंडरसन ब्रुक्स-भगत रिपोर्ट’ का सार्वजनिक होना देशहित में नहीं है. लेकिन, भाजपा का पितृ संगठन, संघ इससे सहमत नहीं है. पांडेय ने कहा, ”इतिहास तटस्थ होता है. हमें इतिहास से सबक जरूर सीखना चाहिए- चाहे वह चीन से मिली हार हो या फिर करगिल में मिली जीत. सुरक्षा का हवाला देकर इसे गोपनीय रखना गलत है. अपनी गलतियों से सीखना अहम है.” वह कहते हैं, ”आपातकाल हो या इसमें संजय गांधी की भूमिका हो या फिर राजीव गांधी की हत्या, हमें यह पता होना चाहिए कि सचमुच क्या हुआ था.”ब्रिटेन में आधिकारिक दस्तावेज 30 साल के बाद गोपनीयता की श्रेणी से बाहर हो सकते हैं. अमेरिका में ज्यादातर दस्तावेजों के लिए यह सीमा 25 सालों की है. लेकिन भारत में इस संबंध में कोई घोषित नीति नहीं है. मंत्रालय यह निर्णय करते हैं कि कब उन्हें कोई कागज राष्ट्रीय अभिलेखागार में भेजना है.

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