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विरोध प्रदर्शनों से पहले पाक संसद में लोकतांत्रिक प्रस्ताव को मंजूरी

इसलामाबाद. पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने मंगलवार को लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत करने तथा संविधान एवं संसद की सर्वोच्चता के लिए सर्वसम्मति से लाये गये प्रस्ताव पर मुहर लगायी. उधर, सरकार विपक्ष के प्रभावशाली नेताओं ताहिर उल कादरी तथा इमरान खान के नेतृत्व में होनेवाली बड़ी रैलियों को लेकर मुश्किल में है. योजना और विकास […]

इसलामाबाद. पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने मंगलवार को लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत करने तथा संविधान एवं संसद की सर्वोच्चता के लिए सर्वसम्मति से लाये गये प्रस्ताव पर मुहर लगायी. उधर, सरकार विपक्ष के प्रभावशाली नेताओं ताहिर उल कादरी तथा इमरान खान के नेतृत्व में होनेवाली बड़ी रैलियों को लेकर मुश्किल में है. योजना और विकास मंत्री अहसान इकबाल ने प्रभावशाली मौलवी कादरी तथा क्रिकेटर से नेता बने खान की पार्टियों की ओर से गुरुवार को निकाले जानेवाले मार्च से पहले महत्वपूर्ण प्रस्ताव पेश किया.प्रस्ताव के अनुसार देश की रक्षा और विकास लोकतंत्र से जुड़े हैं. संसद संविधान, कानून के शासन और लोकतंत्र के लिए काम कर रही है और करती रहेगी. प्रस्ताव में कहा गया कि मुहम्मद अली जिन्ना ने लोकतांत्रिक संघर्ष और वोट की ताकत से पाकिस्तान बनाया था. सदन में देश में मौजूदा राजनीतिक हालात और विरोध प्रदर्शनों पर भी चर्चा हुई.सहमति बनी कि संसद मुद्दों को सुलझाने के लिए उचित मंच है. प्रदर्शनकारी पक्षों से लोकतंत्र को नुकसान नहीं पहुंचाने का अनुरोध किया गया. सदस्यों ने यह मांग भी की कि सरकार जनसभाओं के लिए स्थान तय करे.दोनों नेताओं ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा :प्रस्ताव का विशेष महत्व है क्योंकि कादरी और खान दोनों ने आंदोलन के जरिये सरकार को गिराने की धमकी दी है. जून में कनाडा से लौटे कादरी ने कहा कि वह क्रांति लायेंगे. खान पिछले साल हुए आम चुनाव में हुई कथित धांधली को सामने लाना चाहते हैं. इन्हीं चुनाव के बाद नवाज शरीफ सत्ता में आये थे.

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