नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा है कि भ्रष्टाचार निरोधक संस्था लोकपाल का गठन सरकार की शीर्ष प्राथमिकतावाले कदमों में शामिल है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय को भेजे संदेश में लोकपाल के गठन, नागरिक शिकायत निवारण विधेयक पारित करना और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम में संशोधन को सरकार के अहम क्षेत्रों में चिह्नित किया है. उन्होंने कहा कि लोकपाल के अध्यक्ष और सदस्यों को नियुक्त करने की प्रक्रिया चल रही है. सूत्रों ने कहा कि कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग खोजबीन समिति (सर्च कमेटी) के लिए भी नियमों में बदलाव कर रहा है जो लोकपाल के अध्यक्ष और सदस्यों के लिए नामों की सिफारिश करेगी. पिछली संप्रग सरकार चयन प्रक्रिया पर भाजपा की आपत्ति के कारण लोकपाल का गठन नहीं कर सकी थी. मौजूदा वित्त मंत्री और राज्यसभा में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने लोकपाल के प्रमुख और सदस्यों की नियुक्तियों के लिए संप्रग सरकार द्वारा अपनायी गयी प्रक्रिया को अत्यंत अनुचित करार देते हुए कड़ी आपत्ति जतायी थी. मौजूदा नियमों के अनुसार आठ सदस्यीय खोजबीन समिति को उन लोगों के नामों की सिफारिश करनी होती है जिन पर लोकपाल के प्रमुख और सदस्यों की नियुक्ति के लिए प्रधानमंत्री की अगुवाईवाली चयन समिति विचार कर सकती है. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी इस साल एक जनवरी को लोकपाल अधिनियम को अपनी मंजूरी दे चुके हैं. सरकार की अन्य प्राथमिकताओं में भ्रष्टाचार रोकथाम :संशोधन: विधेयक, 2013 है जो राज्यसभा में लंबित है.
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सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में लोकपाल : पीएमओ
नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा है कि भ्रष्टाचार निरोधक संस्था लोकपाल का गठन सरकार की शीर्ष प्राथमिकतावाले कदमों में शामिल है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय को भेजे संदेश में लोकपाल के गठन, नागरिक शिकायत निवारण विधेयक पारित करना और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम में संशोधन को सरकार के अहम क्षेत्रों […]
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