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दिल्ली हाइकोर्ट ने एचइसी बैंक खाते के संचालन पर लगी रोक हटायी
रांची : दिल्ली हाइकोर्ट से एचइसी को बड़ी राहत मिली है. हाइकोर्ट ने एचइसी के बैंक खाते को फ्रीज करने के भविष्य निधि आयुक्त के आदेश पर 14 जनवरी तक रोक लगा दी है. साथ ही एचइसी को आगे की सुनवाई के लिए झारखंड हाइकोर्ट में याचिका दायर करने का निर्देश दिया है. मालूम हो […]
रांची : दिल्ली हाइकोर्ट से एचइसी को बड़ी राहत मिली है. हाइकोर्ट ने एचइसी के बैंक खाते को फ्रीज करने के भविष्य निधि आयुक्त के आदेश पर 14 जनवरी तक रोक लगा दी है. साथ ही एचइसी को आगे की सुनवाई के लिए झारखंड हाइकोर्ट में याचिका दायर करने का निर्देश दिया है. मालूम हो कि भविष्य निधि आयुक्त, रांची ने एचइसी द्वारा विलंब शुल्क के मद में 95 करोड़ रुपये जमा नहीं करने को लेकर 28 दिसंबर को एसबीआइ, हटिया शाखा को एचइसी के बैंक खाते को फ्रीज करने का आदेश दिया था. इसके बाद बैंक ने एचइसी के बैंक खाते के संचालन पर रोक लगा दी थी.
बताया गया है कि भविष्य निधि आयुक्त, रांची ने एचइसी को 23 दिसंबर को नोटिस देकर विलंब शुल्क जमा करने को कहा था. साथ ही यह भी कहा था कि यदि एचइसी प्रबंधन के द्वारा विलंब शुल्क भुगतान नहीं किया गया तो कंपनी के बैंक खाते को फ्रीज कर दिया जायेगा. एचइसी की ओर से कर्मियों की पीएफ राशि वर्ष 1976 से लेकर 1999 तक निर्धारित समय पर जमा नहीं की गयी थी. इसके भुगतान के लिए भविष्य निधि आयुक्त ने वर्ष 2003 में एचइसी को नोटिस दिया था.
तब कंपनी ने घाटे में होने की बात कहते हुए पैसे देने में असमर्थता जाहिर की थी. वर्ष 2007 में कंपनी ने केंद्र सरकार से मिले पुनरुद्धार पैकेज से पीएफ का बकाया राशि और ब्याज की राशि का भुगतान किया था. लेकिन विलंब शुल्क 95 करोड़ रुपये जमा नहीं किये गये थे. विलंब शुल्क भुगतान नहीं कर एचइसी कोर्ट में चली गयी थी, लेकिन वहां से एचइसी को करीब एक माह पहले आये फैसले में राहत नहीं मिली.
इसके बाद भविष्य निधि आयुक्त कार्यालय ने एचइसी को विलंब शुल्क जमा करने का नोटिस दिया, जिसे प्रबंधन ने गंभीरता से नहीं लिया. 23 दिसंबर 2019 को नोटिस मिलने के बाद भी कंपनी के वित्त निदेशक ने भविष्य निधि आयुक्त से संपर्क नहीं किया और न ही कोई पत्राचार किया. जब बैंक खाता 29 दिसंबर 2019 को फ्रीज हो गया तो वित्त निदेशक ने 31 दिसंबर 2019 को इस मामले में भविष्य निधि आयुक्त को पत्र लिखा. वहीं दूसरी तरफ बैंक खाता फ्रीज किये जाने के बाद झारखंड हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में शीतकालीन अवकाश हो गया था. इस कारण एचइसी ने बैंक खाता फ्रीज करने के आदेश को दिल्ली हाइकोर्ट में चुनौती दी. सुनवाई के दौरान एचइसी की ओर से बताया गया कि बकाया राशि जमा की जायेगी, लेकिन फिलहाल इस स्थिति में नहीं है. राशि जमा करने के लिए कंपनी को लंबा समय दिया जाना चाहिए. इस पर कोर्ट ने भविष्य निधि कार्यालय के आदेश पर 14 जनवरी तक रोक लगाते हुए एचइसी को आगे की सुनवाई के लिए झारखंड हाइकोर्ट में याचिका दायर करने का निर्देश दिया.
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