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रांची : जेएसएससी की अपील स्वीकृत एकल पीठ का आदेश निरस्त
रांची : हाइकोर्ट ने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की अोर से एकल पीठ के आदेश को चुनाैती देनेवाली अपील याचिका को सुनवाई के बाद स्वीकार कर लिया. साथ ही एकल पीठ के आदेश को निरस्त कर दिया. मामले की सुनवाई जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस कैलाश प्रसाद देव की खंडपीठ में हुई. इससे […]
रांची : हाइकोर्ट ने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की अोर से एकल पीठ के आदेश को चुनाैती देनेवाली अपील याचिका को सुनवाई के बाद स्वीकार कर लिया. साथ ही एकल पीठ के आदेश को निरस्त कर दिया.
मामले की सुनवाई जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस कैलाश प्रसाद देव की खंडपीठ में हुई. इससे पूर्व जेएसएससी की अोर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल, अधिवक्ता राकेश रंजन व अधिवक्ता प्रिंस कुमार ने पक्ष रखते हुए खंडपीठ को बताया कि कांस्टेबल बहाली के अभ्यर्थी अशोक कुमार राम को आयोग ने प्रमाण पत्रों के सत्यापन के लिए दो अवसर उपलब्ध कराया था. उनका यह कहना कि वह आधे घंटे के विलंब के बाद पहुंचे थे, वह गलत है.
वह तीसरा अवसर मांग रहे थे. आयोग का कहना था कि अभ्यर्थियों को दो बार अवसर दिया गया है. किसी को तीसरा अवसर नहीं दिया गया है. ऐसा करने से नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी होने में आैर विलंब होगा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी जेएसएससी की अोर से अपील याचिका दायर कर एकल पीठ के आदेश को चुनाैती दी गयी थी. एकल पीठ ने वर्ष 2018 में रिट याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला सुनाया था. अदालत ने प्रार्थी के प्रमाण पत्रों का वेरीफिकेशन कर उचित निर्णय लेने का आदेश दिया था.
अपील लंबित रहने तक नहीं करें कार्रवाई
रांची़ हाइकोर्ट में प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय के शिक्षकों व कर्मचारियों की सेवा मान्यता व वेतन भुगतान के मामले में एकल पीठ के आदेश को चुनाैती देनेवाली अपील याचिकाअों पर सुनवाई हुई. एक्टिंग चीफ जस्टिस हरीशचंद्र मिश्र व जस्टिस दीपक राैशन की खंडपीठ ने कहा कि जब तक अपील लंबित है, तब तक अवमानना मामले में आगे की कार्रवाई नहीं करें. खंडपीठ ने सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया. साथ ही अगली सुनवाई आठ सप्ताह के बाद तिथि निर्धारित करने को कहा.
बहस अधूरी रही, अगली सुनवाई 21 को
रांची़ : हाइकोर्ट के जज अनंत बिजय सिंह की अदालत में विधायक पाैलुस सुरीन के निर्वाचन को चुनाैती देनेवाली याचिका पर सुनवाई हुई.
प्रतिवादी की अोर से बहस अधूरी रहने के बाद अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 21 नवंबर की तिथि निर्धारित की. प्रतिवादी की अोर से अधिवक्ता जसमिंदर मजूमदार ने कहा कि उन्होंने चुनाव के दाैरान किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं की है. उनका चुनाव निष्पक्ष तरीके से हुआ है.
उन्होंने आइए दायर कर यह भी बताया कि इस याचिका पर सुनवाई करने का कोई आैचित्य नहीं है, क्योंकि चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है. नामांकन शुरू हो गया है. चुनाव में भ्रष्ट आचरण का आरोप नहीं है. इसलिए मामले को समाप्त किया जाना चाहिए. अदालत ने आइए पर बाद में सुनवाई करने की बात कही.
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