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रांची : रिम्स में बिना शोध पत्र जमा किये ली प्रोन्नति
रांची : राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में दो साल में पहले डाॅक्टरों की असिस्टेंट से एसोसिएट प्रोफेसर फिर एसोसिएट से प्रोफेसर के पद पर पदोन्नति कर दी गयी, लेकिन पदोन्नति के लिए जो शर्त रखी गयी थी, उसका पालन कई डॉक्टरों ने पूरा नहीं किया है. अगर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) की […]
रांची : राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में दो साल में पहले डाॅक्टरों की असिस्टेंट से एसोसिएट प्रोफेसर फिर एसोसिएट से प्रोफेसर के पद पर पदोन्नति कर दी गयी, लेकिन पदोन्नति के लिए जो शर्त रखी गयी थी, उसका पालन कई डॉक्टरों ने पूरा नहीं किया है.
अगर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) की टीम निरीक्षण करने रिम्स आ जाती है तो काउंसिल इन डॉक्टरों को फैकल्टी मानने से इनकार कर देगी और इससे रिम्स की मान्यता पर संकट आ जायेगा. सूत्र बताते है कि रिम्स प्रबंधन अब इस मामले को गंभीरता से ले रहा है. अब बिना शर्त पूरी कर पदोन्नत होने वाले डॉक्टरों की सूची तैयार कराने पर विचार किया जा रहा है.
जानकार बताते हैं कि एमसीआइ ने पदोन्नति के लिए यह नियम रखा था कि 2014 के बाद पदोन्नत होने वाले डॉक्टरों को शोध पत्र देना होगा. शोध पत्र की क्वालिटी भी तय की गयी थी. देश के सभी मेडिकल कॉलेजों को इस शर्त को माननी थी. रिम्स में भी पदोन्नति के समय कई डॉक्टरों ने लिखा था कि वह शीघ्र ही इस शर्त को पूरा कर लेंगे. लेकिन कइयों ने अब तक इसका पालन नहीं किया है.
एमसीआइ के नियम के हिसाब से पदोन्नति प्राप्त डॉक्टरों को तय शर्त पूरी करनी थी. जो डॉक्टर अब तक शर्त पूरा नहीं किये हैं तो उनसे सूचना मांगी जायेगी.
डॉ दिनेश कुमार सिंह, निदेशक, रिम्स
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