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राजधानी समेत छह शहरों के फीडरों में भूमिगत केबल बिछाने का काम आरंभ, रांची में यहां बिछेगा केबल
33 केवी लाइन भूमिगत की जायेगी, 1270 करोड़ रुपये होंगे खर्च रांची : रांची,जमशेदपुर, धनबाद, देवघर, रामगढ़ व बासुकीनाथ के फीडरों में भूमिगत केबल बिछाने का काम शुरू हो चुका है. बिजली वितरण निगम लिमिटेड द्वारा झारखंड संपूर्ण बिजली आच्छादान योजना (जसबे, अरबन) के तहत यह काम किया जा रहा है. इसमे सब स्टेशन से […]
33 केवी लाइन भूमिगत की जायेगी, 1270 करोड़ रुपये होंगे खर्च
रांची : रांची,जमशेदपुर, धनबाद, देवघर, रामगढ़ व बासुकीनाथ के फीडरों में भूमिगत केबल बिछाने का काम शुरू हो चुका है. बिजली वितरण निगम लिमिटेड द्वारा झारखंड संपूर्ण बिजली आच्छादान योजना (जसबे, अरबन) के तहत यह काम किया जा रहा है.
इसमे सब स्टेशन से निकलने वाले फीडर के ओवरहेड तार को बदलकर भूमिगत केबल बिछाये जायेंगे. वहीं ग्रिड से सब स्टेशन तक आने वाली 33 केवी लाइन को भी भूमिगत केबल में तब्दील किया जायेगा. संबंधित शहरी क्षेत्रों के जीएम या अधीक्षण अभियंता को जवाबदेही दी गयी है.
छह शहरों में 1270 करोड़ रुपये खर्च होंगे. दो वर्षों में काम पूरा करना है. रांची में भूमिगत केबल बिछाने पर 364 करोड़ रुपये खर्च होंगे. यह काम केइआइ इंडस्ट्रीज को दिया गया है. जमशेदपुर में 405 करोड़ रुपये खर्च होंगे. यहां भी केइअाइ इंडस्ट्रीज को काम मिला है. धनबाद में केबल बिछाने पर 323 करोड़ खर्च होंगे. यहां जेएसपी प्रोजेक्ट को काम मिला है.
रामगढ़ में 94 करोड़ खर्च होंगे. सन सिटी को काम मिला है. देवघर में 70 करोड़ रुपये खर्च होंगे. यहां जैक्सन को काम मिला है. वहीं बासुकीनाथ में 14 करोड़ रुपये खर्च होंगे. यहां क्रियेटिव को काम मिला है. बताया गया कि देवघर और बासुकीनाथ में एरियल बंच कंडक्टर लगाये जायेंगे.
रांची में यहां बिछेगा भूमिगत केबल
रांची : रांची के मेन रोड में अभी भी ओवर हेड तार से ही 33 केवी और 11 केवी लाइन है. इससे जुलूस के दौरान परेशानी होती है. यहां भूमिगत केबल बिछाया जायेगा.
वहीं राजेंद्र चौक से लेकर कचहरी चौक की लाइन को भी भूमिगत किया जायेगा. रांची में 11 केवी के कुल 22 फीडरों की लाइन को अंडरग्राउंड किया जा रहा है. इसमें मेन रोड, चर्च रोड, सुजाता चौक, काली मंदिर, चडरी, हॉकी स्टेडियम मोरहाबादी, फुटबॉल स्टेडियम मोरहाबादी, रेडक्रॉस मोरहाबादी, सर्किट हाउस, टेलीफोन एक्सचेंज, शहीद चौक, ढेलाटोली, रानीबगान, न्यू मोरहाबादी, कोकर, पावर हाउस, नामकुम, परास टोली, हिनू,अनंतपुर, डोरंडा व बिरसा फीडर शामिल हैं. इसके अलावा 248 किमी 33 केवी लाइन को भी अंडरग्राउंड किया जा रहा है.
इनमें हटिया ग्रिड से पुंदाग सब स्टेशन, नामकुम ग्रिड से मेन रोड पॉलिटेक्निक सब स्टेशन, मोरहाबादी सब स्टेशन से सदर, पॉलिटेक्निक से सदर, कुसई से अरगोड़ा, हटिया ग्रिड से अरगोड़ा सब स्टेशन, अरगोड़ा से हरमू सब स्टेशन, हटिया ग्रिड से हरमू सब स्टेशन, कांके ग्रिड से राजभवन और मोरहाबादी, मोरहाबादी सब स्टेशन से राजभवन सब स्टेशन, हरमू से सेवा सदन, कांके ग्रिड से कांके सब स्टेशन, गोंदा सब स्टेशन से पंडरा सब स्टेशन, नामकुम ग्रिड से कोकर अरबन, कोकर रूरल आरएमसीएच, नामकुम, सिदरौल सब स्टेशन के बीच की लाइन को अंडरग्राउंड किया जायेगा.
सिदरौल सब स्टेशन से खेलगांव सब स्टेशन, सिदरौल से सदाबहार सब स्टेशन, महादेव मंडा से नामकुम सब स्टेशन की लाइन भी भूमिगत होगी.
वहीं सदाबहार सब स्टेशन विकास नगर रोड, विकास पावर स्टेशन से रूक्का डैम, नामकुम से बूटी, पीएचइडी से विकास, हटिया से विधानसभा, नामकुम से कुसई, तुपुदाना से एयरपोर्ट, कुसई से एयरपोर्ट, तुपुदाना से सदाबहार, पंडरा से रातू चट्टी, हटिया ग्रिड से मदर डेयरी, मदर डेयरी से इंडस्ट्रियल एरिया, मदर डेयरी से बालाजी सब स्टेशन, हटिया ग्रिड से पंडरा सब स्टेशन, रातू चट्टी से जगुआर सब स्टेशन, आइअाइएम से रातू , राजभवन, कांके और ब्रांबे की 33 केवी लाइन भी अंडरग्राउंड होगी.
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