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रांची: राजधानी में धूमधाम से मनाई गयी दुर्गा पूजा, जानिए इन पूजा पंडालों की क्या रही खासियत

रांची: राजधानी रांची में दुर्गा पूजा धूमधाम से मनाई गयी. शहर के अलग-अलग हिस्सों में आकर्षक पंडाल बनाए गए जहां मां दुर्गा की भव्य और मनमोहक प्रतिमाएं स्थापित की गयीं. सभी पूजा पंडाल किसी ना किसी विशेष थीम पर बनाए गए. कहीं बौद्ध मंदिर की झलक दिखी तो कहीं अंडमान की जरावा जनजाति को पेश […]

रांची: राजधानी रांची में दुर्गा पूजा धूमधाम से मनाई गयी. शहर के अलग-अलग हिस्सों में आकर्षक पंडाल बनाए गए जहां मां दुर्गा की भव्य और मनमोहक प्रतिमाएं स्थापित की गयीं. सभी पूजा पंडाल किसी ना किसी विशेष थीम पर बनाए गए. कहीं बौद्ध मंदिर की झलक दिखी तो कहीं अंडमान की जरावा जनजाति को पेश किया गया. काफी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पंडालों में पहुंचकर मां दुर्गा के दर्शन किए और पूजा-अर्चना की. आईए हम आपको रांची के अलग-अलग पंडालों की खासियत से रूबरू करवाते हैं.

बांधगाड़ी दुर्गा पूजा समिति में दिखा सद्भाव

बांधगाड़ी दुर्गा पूजा समिति के पूजा पंडाल सांप्रदायिक सद्वभाव की थीम पर बनाया गया था जहां अलग-अलग धर्मों के बीच पारस्परिक सद्भाव को दर्शाया गया था. पश्चिम बंगाल से आए कलाकारों ने जूट, संठी और तिनकों की सहायता से इसको बनाया था. बांधगाड़ी दुर्गा पूजा समिति साल 1963 से ही यहां दुर्गा पूजा का आयोजन करती आई है.

रांची रेलवे स्टेशन के पंडाल में केरल दर्शन

रांची रेलवे स्टेशन दुर्गा पूजा समिति हमेशा से खास रही है. इस पूजा पंडाल को कोलकाता से आए कलाकारों ने तैयार किया था. इस बार रांची रेलवे स्टेशन के पंडाल की थीम केरल दर्शन थी. पूरे पूजा पंडाल में इसकी झलक दिखाई दी. कथकली की मुद्रा में मूर्तियां बनायी गयीं साथ ही ओणम पर्व के दौरान होने वाली नौका दौड़ को भी यहां दर्शाया गया था.

बूटी मोड़ के पूजा पंडाल में सूर्य मंदिर का नजारा

बूटी मोड़ स्थित महाशक्ति दुर्गा पूजा समिति के पूजा पंडाल की थीम इस बार गुजरात का सूर्य मंदिर था. पंडाल के मुख्य द्वार पर पांच घोड़े बने थे जिन्हें सूर्य भगवान के रथ को खींचने वाला माना जाता है. पूजा समिति यहां 1999 से ही यहां दुर्गा पूजा का आयोजन करती आ रही है.

बरियातू में बनाया गया भव्य काल्पनिक मंदिर

रांची के बरियातू स्थित स्वर्ण जयंती दुर्गा पूजा समिति ने इस बार काल्पनिक मंदिर की थीम पर पूजा पंडाल बनाया था. पूजा पंडाल को बंगाल से आए कलाकारों ने बनाया था. पंडाल का बनाने में कलाकारों ने जूट, चटाई, संठी, तिनका और कागज का इस्तेमाल किया था.

गीतांजलि क्लब में दिखी जरावा जनजाति

सेवा सदन मार्ग स्थित गीतांजलि क्लब दुर्गा पूजा समिति ने इस बार जरावा जनजाति को दर्शाते हुए पूजा पंडाल बनाया था. जरावा हिन्द महासागार स्थित अंडमान निकोबार द्वीप समूह में पायी जाने वाली आदिम जनजाति है. पंडाल में इनकी संस्कृति, रहन-सहन, खान पान को दर्शाते हुए मूर्तियां बनायी गयीं.

राजस्थान मित्र मंडल ने बनाया बौद्ध मंदिर

बड़ा तालाब स्थित राजस्थान मित्र मंडल का पूजा पंडाल थाइलैंड के बौद्ध मंदिर की तर्ज पर बना था. पंडाल के मुख्य द्वार के ठीक सामने भगवान बुद्ध की प्रतिमा बनी थी. पंडाल के गर्भगृह की दीवारों पर रामायण की विभिन्न घटनाक्रम को थ्रीडी चित्रों के माध्यम से दर्शाया गया था.

नेपाली समुदाय के लोगों ने भी दिखाया उत्साह

जैप भवन रांची में गोरखा रेजिमेंट के जवानों तथा नेपाली समुदाय के लोगों ने भी काफी धूमधाम से दुर्गा पूजा मनाया. नेपाली समुदाय के लोगों ने नव पत्रिका प्रवेश के तौर पर यहां नवरात्रि मनाया. महानवमी के दिन यहां कन्या पूजन के साथ शस्त्र पूजन का भी आयोजन किया गया.

कुल मिलाकर रिमझिम बारिश के बावजूद ना तो पूजा समिति और न ही रांचीवासियों के उत्साह में कमी आयी. लोगों ने काफी धूमधाम से दुर्गा पूजा मनाया और हर्षोउल्लास के साथ पूजा-अर्चना की.

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