रांची : मौजूदा समय में एचइसी में मात्र 711 कामगार हैं. इतनी कम संख्या में कामगारों के होने पर भी यहां छह यूनियनें कार्यरत हैं. इसके बावजूद एचइसी में नयी यूनियन बनाने की होड़ मची हुई है. जानकारी के अनुसार श्रम विभाग में नयी यूनियन के निबंधन के लिए दो आवेदन आये हैं. एक आवेदन एचइसी मजदूर संघ के नाम से है.
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एचइसी में 711 कामगारों के लिए छह यूनियनें, दो और बनाने की तैयारी
रांची : मौजूदा समय में एचइसी में मात्र 711 कामगार हैं. इतनी कम संख्या में कामगारों के होने पर भी यहां छह यूनियनें कार्यरत हैं. इसके बावजूद एचइसी में नयी यूनियन बनाने की होड़ मची हुई है. जानकारी के अनुसार श्रम विभाग में नयी यूनियन के निबंधन के लिए दो आवेदन आये हैं. एक आवेदन […]
वहीं, एचइसी सप्लाई संघर्ष समिति पिछले डेढ़ वर्षों से एचइसी के सप्लाई कर्मियों की मांग को लेकर गेट मीटिंग कर आवाज उठा रही है. एचइसी में परंपरा है कि जो भी लोग शुरू में आंदोलन करते हैं, वह बाद में यूनियन के रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करते हैं.
मौजूदा छह यूनियनों में हटिया प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन, हटिया कामगार यूनियन, जनता मजदूर यूनियन, हटिया मजदूर यूनियन, एचइसी लिमिटेड कर्मचारी श्रमिक यूनियन एवं हटिया मजदूर लोक मंच शामिल हैं. वहीं, श्रम विभाग के अधिकारी ने बताया कि आवेदन आने के बावजूद निबंधक ने एक भी नयी यूनियन का निबंधन नहीं किया है.
लेकिन जिस तरह से यूनियन बनाने की होड़ मची है, उसे यही प्रतीत होता है कि कई यूनियनों के पास कामगारों की संख्या के अनुसार दस प्रतिशत सदस्य भी जुटाना मुश्किल हो गया है. वहीं, कानून में प्रावधन है कि यूनियनों का निबंधन तभी बरकरार रह सकता है, जब यूनियन की संख्या 100 या कम से कम कुल श्रमिकों की संख्या की दस प्रतिशत हो.
वहीं, पिछले दिनों दिल्ली में भारी उद्योग मंत्री अरविंद सावंत द्वारा पूछे जाने पर प्रबंधन ने जानकारी दी थी कि एचइसी में कामगारों की संख्या 711 है और छह यूनियनें कार्यरत हैं. इस पर मंत्री ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा था कि कामगारों की संख्या इतना कम होने के बाद भी छह यूनियन हैं.
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