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रांची : शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए सरकार बना रही नयी नियमावली, पांच साल नहीं, आजीवन रहेगी टेट की मान्यता
सुनील कुमार झा रांची : झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (जेटेट) के प्रमाण पत्र की मान्यता अब पांच वर्ष में समाप्त नहीं होगी. राज्य में शिक्षक पात्रता परीक्षा नियमावली में बदलाव किया जा रहा है. अब तक प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति परीक्षा और शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए राज्य में एक नियमावली थी. स्कूली शिक्षा व साक्षरता […]
सुनील कुमार झा
रांची : झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (जेटेट) के प्रमाण पत्र की मान्यता अब पांच वर्ष में समाप्त नहीं होगी. राज्य में शिक्षक पात्रता परीक्षा नियमावली में बदलाव किया जा रहा है.
अब तक प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति परीक्षा और शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए राज्य में एक नियमावली थी. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग अब दोनों परीक्षाओं के लिए अलग-अलग नियमावली बना रही है.वर्तमान में शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र की मान्यता पांच वर्ष होती है.
पांच वर्ष बाद उस प्रमाण पत्र के आधार पर अभ्यर्थी की नियुक्ति नहीं हो सकती. नयी नियमावली में सरकार इस प्रावधान को समाप्त करने की तैयारी कर रही है. शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को दिये गये प्रमाण पत्र की मान्यता अब लाइफटाइम होगी. नयी नियमावली में इसका प्रावधान किया जा रहा है.नियमावली का प्रस्ताव तैयार है.
नयी नियमावली में पूर्व के अन्य प्रावधानों में भी बदलाव किया जायेगा. जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा के अलावा अन्य विषयों के प्रश्न पत्र हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषा में होंगे. प्रश्न बहु-विकल्पीय होंगे. प्रत्येक प्रश्न के लिए एक अंक निर्धारित होगा. बांग्ला और उड़िया के अलावा सभी क्षेत्रीय व जनजातीय भाषा की लिपि देवनागरी होगी. परीक्षा प्रति वर्ष सितंबर और अक्तूबर में होगी.राज्य में पहली बार वर्ष 2012 में शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए नियमावली बनायी गयी थी.
सभी विषय में पास मार्क्स लाना होगा
शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करने को लेकर पूर्व में तय प्रक्रिया में बदलाव करने की तैयारी है. वर्तमान में शिक्षक पात्रता परीक्षा अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम कट ऑफ मार्क्स 60 फीसदी है. जबकि अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति, पिछड़ी जाति व विकलांग कोटि के अभ्यर्थियों के लिए 52 फीसदी है. अब तक सभी विषयों को मिलाकर क्वालिफाइंग मार्क्स लाना होता था. नयी नियमावली में सभी विषयों में अलग-अलग क्वालिफाइंग मार्क्स लाने का प्रावधान किया जा रहा है.
क्यों किया जा रहा है बदलाव
शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत कक्षा एक से आठ में सरकारी से लेकर निजी विद्यालय तक में शिक्षक नियुक्ति के लिए अभ्यर्थी का शिक्षक पात्रता परीक्षा पास होना अनिवार्य है. वर्तमान में प्रमाण पत्र की मान्यता पांच वर्ष की है.
राज्य में नियमित रूप से शिक्षक नियुक्ति नहीं होती है. ऐसे में बिना नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हुए भी टेट के प्रमाण पत्र की मान्यता समाप्त हो जाती है. प्रमाण पत्र की मान्यता लाइफ टाइम होने से एक बार टेट सफल होने के बाद अभ्यर्थी कभी भी नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं.
राज्य में अब तक मात्र दो टेट
शिक्षा के अधिकार अधिनियम में प्रति वर्ष शिक्षक पात्रता परीक्षा लेने का प्रावधान है. झारखंड में 2011 से अब तक पत्र दो पात्रता परीक्षा हुई है. राज्य में 2013 व 2016 में परीक्षा हुई थी. 2013 के टेट सफल अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र की मान्यता समाप्त हो गयी थी, उसे दो वर्ष बढ़ाया गया है. जबकि वर्ष 2016 में टेट सफल अभ्यर्थी को नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने का मौका नहीं मिला है.
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