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रांची : बिना डॉक्टर के चल रहे 18 पहाड़िया हेल्थ सब सेंटर
संजय संताल परगना में कल्याण विभाग के अस्पतालों का हाल रांची : कल्याण विभाग संताल परगना में 18 पहाड़िया हेल्थ सब सेंटर चलाता है. दुमका के आठ, साहेबगंज के छह तथा पाकुड़ व गोड्डा के दो-दो सब सेंटर में एलोपैथिक इलाज होता है. इनमें साहेबगंज के दो तथा दुमका के चार अस्पताल पहाड़ पर हैं. […]
संजय
संताल परगना में कल्याण विभाग के अस्पतालों का हाल
रांची : कल्याण विभाग संताल परगना में 18 पहाड़िया हेल्थ सब सेंटर चलाता है. दुमका के आठ, साहेबगंज के छह तथा पाकुड़ व गोड्डा के दो-दो सब सेंटर में एलोपैथिक इलाज होता है. इनमें साहेबगंज के दो तथा दुमका के चार अस्पताल पहाड़ पर हैं. संताल परगना में रहनेवाली पहाड़िया जनजातियों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए इन्हें संचालित किया जाता है, लेकिन इन 18 अस्पतालों में से किसी में भी चिकित्सक नहीं हैं.
उधर, राज्य के जनजातीय इलाके में विभाग के 35 आयुर्वेदिक अस्पताल संचालित हैं. कुल 35 अस्पतालों के लिए वर्तमान में पांच चिकित्सक हैं.
यानी एक-एक चिकित्सक के भरोसे अौसतन छह-सात अस्पतालों का संचालन हो रहा है. एक चिकित्सक अपने जिले से सटे दूसरे जिले के अस्पताल प्रभारी भी हैं. ऐसे में समझा जा सकता है कि जनजातीय लोगों के स्वास्थ्य का ख्याल किस तरह रखा जा रहा है. ज्यादातर अस्पतालों में चतुर्थकर्मी नहीं होने से इन अस्पतालों के प्रभारी चिकित्सक खुद ताला खोलते हैं और झाड़ू भी लगाते हैं.
इस पूरी परिस्थिति में कुल 35 में से 12 वैसे आयुर्वेदिक अस्पताल जो पांच-पांच बेड वाले हैं, बेकार होकर रह गये हैं. संताल परगना के 10 अस्पतालों की हालत तो और खस्ता है. इन सभी अस्पतालों के लिए एक ही चिकित्सक (डॉ अरविंद) हैं. आयुर्वेदिक अस्पतालों में भवन व अन्य सुविधाओं की व्यवस्था भी ठीक नहीं है. दूरदराज के जनजातीय इलाके के इन अस्पतालों में से ज्यादातर की छत का प्लास्टर झड़ता है. खिड़कियां टूटी हैं तथा भवन जर्जर हैं.
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