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रांची : राज्य में तीन टेक्सटाइल पार्क बन रहे हैं : सचिव
रांची : उद्योग सचिव के रविकुमार ने कहा कि स्कीम फॉर इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क (एसआईटीपी) के तहत कई शर्त ऐसी है जिसके कारण प्रस्ताव नहीं भेजा जा सका. इस शर्त के तहत कम से कम आठ उद्यमी एसपीवी बनाकर कहीं जमीन लेंगे. इसके बाद टेक्सटाइल पार्क के लिए भारत सरकार के पास एसआइटीपी तहत आवेदन […]
रांची : उद्योग सचिव के रविकुमार ने कहा कि स्कीम फॉर इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क (एसआईटीपी) के तहत कई शर्त ऐसी है जिसके कारण प्रस्ताव नहीं भेजा जा सका. इस शर्त के तहत कम से कम आठ उद्यमी एसपीवी बनाकर कहीं जमीन लेंगे. इसके बाद टेक्सटाइल पार्क के लिए भारत सरकार के पास एसआइटीपी तहत आवेदन दिया जा सकता है.
झारखंड में टेक्सटाइल के उद्यमी कम हैं. जो हैं वो एक साथ उद्यम लगाने के लिए एकजुट नहीं हो रहे हैं. यही कारण है कि राज्य सरकार ने अपनी टेक्सटाइल पॉलिसी बनायी है. सरकार तीन टेक्सटाइल पार्क बनवा रही है. ओरमांझी में टेक्सटाइल पार्क का काम लगभग पूरा हो चुका है. सरवल में काम चल रहा है.पतरातू में भी पार्क बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है. सरकार से मंजूरी मिलते ही काम शुरू हो जायेगा.
झारखंड टेक्सटाइल उद्योगों की स्थिति : झारखंड टेक्सटाइल, अपारेल एंड फुटवियर पॉलिसी 2016 के बाद से अब तक छह टेक्सटाइल उद्योग लग चुके हैं. इसमें ओरमांझी में ओरियेंट क्राफ्ट, धनबाद में प्रेम फुटवियर, इरबा सिल्क पार्क में किशोर एक्सपोर्ट, मैट्रिक्स क्लोथिंग प्राइवेट लिमिटेड, रामपुर में अरविंद स्मार्ट प्राइवेट लिमिटेड व पतरातू में सिद्धी टेक से उत्पादन आरंभ हो चुका है. इनके द्वारा अब तक 5850 लोगों को रोजगार मिला है. राज्य सरकार द्वारा टेक्सटाइल उद्योग के लिए 19 कंपनियों को जमीनदी गयी है. जिनका निर्माण कार्य चल रहा है. इनके द्वारा 20,600 लोगों को रोजगार दिया जायेगा. इसके अलावा 10 अन्य टेक्सटाइल कंपनियों के प्रस्ताव मिले हैं. इनके द्वारा भी 11,700 लोगों को रोजगार देने का प्रस्ताव दिया गया है.
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