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राज्यपाल को सौंपा आरोप पत्र

कहा रद्दी की टोकरी में डाल दी गयीं जनहित की योजनाएं रांची : भाजपा ने हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ राज्यपाल डॉ सैयद अहमद से मिल कर आरोप पत्र सौंपा है. नेताओं ने कहा कि राज्य की वर्तमान सरकार ने जनहित की योजनाओं को रद्दी की टोकरी में डाल दिया है. समेकित विकास को नकारात्मक […]

कहा रद्दी की टोकरी में डाल दी गयीं जनहित की योजनाएं

रांची : भाजपा ने हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ राज्यपाल डॉ सैयद अहमद से मिल कर आरोप पत्र सौंपा है. नेताओं ने कहा कि राज्य की वर्तमान सरकार ने जनहित की योजनाओं को रद्दी की टोकरी में डाल दिया है. समेकित विकास को नकारात्मक दिशा में धकेल दिया है. कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, ढांचागत विकास, बिजली, सड़क, पानी, कल्याण एवं विधि व्यवस्था के क्षेत्र में सरकार की उपलब्धि दिशाहीन रही है. पार्टी की ओर से जनहित के मुद्दों पर राज्यपाल से हस्तक्षेप कर कार्रवाई करने का आग्रह किया.

नेताओं ने कहा कि राज्य का शासन संविधान और कानून से नहीं चल रहा है. राज्य का भविष्य दावं पर है. सरकार में शामिल लोग सिर्फ स्वार्थपूर्ति में लगे हुए हैं. प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र कुमार राय, पूर्व मुख्यमंत्री सह नेता प्रतिपक्ष अर्जुन मुंडा, प्रदेश प्रभारी विनोद पांडेय, रघुवर दास, विधायक सीपी सिंह, सांसद राम टहल चौधरी, वरिष्ठ नेता सरयू राय, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिनेशानंद गोस्वामी, राकेश प्रसाद, दीपक प्रकाश, ब्रजमोहन राम, दिनेश उरांव, सीमा शर्मा, बिरंची नारायण, मंजु रानी, अशोक कुमार, सुनील कुमार सिंह, बालमुकुंद सहाय, शैलेंद्र सिंह और गामा सिंह शामिल थे.

62 प्रतिशत ही खर्च कर पायी सरकार : अर्जुन

पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरकार विकास मद की 62 प्रतिशत राशि ही खर्च कर पायी. झारखंड के 13 वर्ष के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई सरकार पिछले वर्ष की तुलना में योजना एवं विकास मद में कम खर्च करे. पर हेमंत सरकार ने ऐसा कर दिखाया है. वर्ष 2012-13 में सरकार ने विकास योजनाओं पर कुल 11,399.58 करोड़ रुपये खर्च किये थे. वित्तीय वर्ष 2013-14 में हेमंत सोरेन की सरकार ने विकास में 10,455.52 करोड़ रुपये ही खर्च किये, जो पिछले वर्ष की तुलना में 944.06 करोड़ रुपये कम हैं.

क्या कहा गया है आरोप पत्र में

राज्यपाल को सौंपे गये 20 पन्नों के आरोप पत्र में कहा गया है कि षडय़ंत्र, तिकड़म और निजी महत्वकांक्षा सरकार के बने और टिके रहने का मुख्य आधार है. सरकार का ताना बाना लूटो, बांटो और राज करो की नीति पर आधारित है. कांग्रेस इसकी मुख्य सूत्रधार है. विकास के काम ठप है. सरकारी खजानों का दुरुपयोग हो रहा है. भ्रष्टाचार और कुशासन का बोलबाला है. अपराध अनियंत्रित है. नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं.

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