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झारखंड में ट्रैफिक नियमों की अनदेखी के कारण रोज हो रही 11 मौतें

रांची : प्रदेश में सड़क हादसों में मरनेवालों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही है. राज्य में ओवर स्पीडिंग, ओवरटेकिंग और हेलमेट व सीट बेल्ट लगाये बगैर वाहन चलाने के कारण सर्वाधिक मौतें हो रही हैं. रोड सेफ्टी सेल के आंकड़ों की मानें, तो लोगों के द्वारा ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करने के […]

रांची : प्रदेश में सड़क हादसों में मरनेवालों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही है. राज्य में ओवर स्पीडिंग, ओवरटेकिंग और हेलमेट व सीट बेल्ट लगाये बगैर वाहन चलाने के कारण सर्वाधिक मौतें हो रही हैं.

रोड सेफ्टी सेल के आंकड़ों की मानें, तो लोगों के द्वारा ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करने के कारण रोज 11 मौतें हो रही हैं, जबकि पिछले साल तक इसी समय यह आंकड़ा 9 मौतों का था. अगर आंकड़ों पर गौर करें तो यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाकर रोड पर चलनेवाले असमय ही मौत के मुंह में समा रहे हैं.
सड़क हादसों में मरने वालों की रिपोर्ट को देखकर फरवरी से राज्यभर में स्पीड को इंगित करने वाले डिस्प्ले लगाने सहित तमाम उपाय किये जा रहे हैं, लेकिन फिलहाल हादसों को टालने में यह नाकाफी साबित हो रहे हैं. सर्वाधिक 80 प्रतिशत सड़क हादसे तेज गति से वाहन चलाने के कारण हो रहे हैं, जबकि 65 प्रतिशत लोग हेलमेट और सीट बेल्ट नहीं लगाने की वजह से दम तोड़ रहे हैं. वहीं ड्रंक ड्राइविंग और ओवरलोडिंग करने से भी बड़ी संख्या में लोग हादसे के शिकार हो रहे हैं.
सर्वाधिक 80 प्रतिशत सड़क हादसे तेज गति से वाहन चलाने के कारण हो रहे हैं
ड्रंक ड्राइविंग और हेलमेट बगैर वाहन चलाने से बढ़ रहे हैं हादसे
मोबाइल बन रहा हादसे का कारण, बढ़ गयी चिंता
परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार लोगों की जल्दबाजी भी सड़क हादसों का एक बड़ा कारण है. अधिकतर हादसे मोबाइल के कारण हो रहे हैं. फोन आने पर लोग वाहन रोकने की जगह कॉल रिसीव कर बात करने लगते हैं, जिससे हादसों का शिकार हो रहे हैं. जानकारी के अनुसार प्रशासन और ट्रैफिक पुिलस की ओर से लगातार जागरूकता अिभयान चलाया जा रहा है, लेकिन हादसों में कमी नहीं आ पा रही है.

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