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यह वाम दलों की हार नहीं इवीएम की जीत है : भाकपा
रांची : लोकसभा चुनाव वाम पंथियों की हार के रूप में उतना ज्यादा प्रासंगिक नहीं है, जितना कि चुनाव का नुकसान. वाम जीवित है और भविष्य में अपनी जम्मेदारियों को सचेत ढंग से निभायेगा. यह वाम की हार नहीं, इवीएम की जीत है. झारखंड में चुनाव हारने पर भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने उक्त बातें मीडिया […]
रांची : लोकसभा चुनाव वाम पंथियों की हार के रूप में उतना ज्यादा प्रासंगिक नहीं है, जितना कि चुनाव का नुकसान. वाम जीवित है और भविष्य में अपनी जम्मेदारियों को सचेत ढंग से निभायेगा. यह वाम की हार नहीं, इवीएम की जीत है. झारखंड में चुनाव हारने पर भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने उक्त बातें मीडिया से कही.
भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि हम संप्रग सरकार की नीतियों सहित हर उस नीति के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे, जो आम आदमी को नुकसान पहुंचाती है. वामपंथी दल बड़े मोर्चे के रूप में सामने आयेंगे. लोकसभा चुनाव में वाम दलों में एकता नहीं बनी थी, लेकिन विधानसभा में वाम दल साथ रहेंगे और ऐसे में हमारी ताकत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
श्री मेहता ने बड़कागांव के तीन बूथों चोपदार, बलिया और तलशवार का हवाला देते हुए कहा कि हमारे कैडर वोट के रहते वहां इवीएम से दो में शून्य, जबकि तीसरे में महज एक वोट मिला है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने भाजपा के प्रभाव में काम किया है.
यह पहली बार हुआ जब महागठबंधन, भाजपा के साथ सीधे टक्कर में था पर आखिरी वक्त में कांग्रेस ने अपना पैंतरा बदल लिया. उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस की नीयत पर भरोसा नहीं किया जा सकता. आगामी दो और तीन जून को रामगढ़ में भाकपा राज्य कार्यकारिणी की बैठक बुलायी गयी है. इसमें हार की समीक्षा और चुनावी प्रदर्शन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जायेगी.
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