रांची : झारखंड हाइकोर्ट के वर्तमान चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस को सुप्रीम कोर्ट में जज बनाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम कमेटी ने एक बार फिर से केंद्र सरकार को अनुशंसा भेजी है. मालूम हो कि पहली बार कॉलेजियम कमेटी की ओर से भेजी गयी अनुशंसा को केंद्र सरकार ने खारिज कर दिया था.
उल्लेखनीय है कि राज्य गठन के बाद झारखंड हाइकोर्ट से जुड़े अब तक छह न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट के जज बन चुके हैं. इसमें हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस रहे स्व अल्तमस कबीर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं. जस्टिस कबीर ने 29 सितंबर 2012 से 18 जुलाई 2013 तक सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के तौर पर काम किया था. वहीं हाइकोर्ट में जज रह चुके जस्टिस एसजे मुखोपाध्याय व एमवाइ इकबाल भी सुप्रीम कोर्ट के जज रह चुके हैं.
श्री मुखोपाध्याय आठ नवंबर 1994 को पटना हाइकोर्ट में जज बने थे. राज्य गठन के बाद झारखंड हाइकोर्ट के जज बने. इसके बाद मद्रास हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस भी बने. बाद में सुप्रीम कोर्ट के जज बने. जस्टिस एमवाइ इकबाल नौ मई 1996 को पटना हाइकोर्ट में जज के पद पर नियुक्त हुए थे. राज्य गठन के बाद ये भी झारखंड हाइकोर्ट के जज रहे.
मद्रास हाइकोर्ट में चीफ जस्टिस बनने के बाद इन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया. वहीं झारखंड हाइकोर्ट की चीफ जस्टिस रह चुकीं आर भानुमति और ज्ञान सुधा मिश्रा भी सुप्रीम कोर्ट की जज बनीं. जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा 30 अप्रैल 2010 से 27 अप्रैल 2014 तक सुप्रीम कोर्ट में जज रहीं. इनके अलावा झारखंड हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके पीके बालासुब्रमण्यम भी सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे.