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मुरी में हिंडाल्को का कास्टिक तालाब धंसा, एक की मौत कई के दबे होने की आशंका, फैक्ट्री सील, जांच का आदेश

रांची/मुरी : मुरी स्थित हिंडाल्को प्लांट के समीप स्थित रेड मड पाॅन्ड (कास्टिक तालाब) मंगलवार काे तेज आवाज के साथ धंस गया. इससे कई बड़े वाहन मलबे में दब गये और कई घरों तक मलबे का ढेर पहुंच गया. खबर लिखे जाने तक एक की मौत की पुष्टि हुई है. जबकि स्थानीय लोगाें व प्रत्यक्षदर्शियों […]

रांची/मुरी : मुरी स्थित हिंडाल्को प्लांट के समीप स्थित रेड मड पाॅन्ड (कास्टिक तालाब) मंगलवार काे तेज आवाज के साथ धंस गया. इससे कई बड़े वाहन मलबे में दब गये और कई घरों तक मलबे का ढेर पहुंच गया. खबर लिखे जाने तक एक की मौत की पुष्टि हुई है. जबकि स्थानीय लोगाें व प्रत्यक्षदर्शियों ने कई लोगों के दबे होने की आशंका जतायी है. राज्य सरकार ने पूरे मामले की जांच का आदेश दिया है.

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मुख्य सचिव को पूरी घटना की जांच कराने काे कहा है. मुख्य सचिव डॉ डीके तिवारी के आदेश पर झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने हिंडाल्को की अल्युमिनियम फैक्ट्री का अॉपरेशन तत्काल रोकने का निर्देश दिया है. इसके बाद फैक्ट्री को सील कर दिया गया है. पुलिस की ओर से सुरक्षा में सैट की दो टीम और निगरानी और राहत कार्य में सहयोग के लिए रैप की दो कंपनी को लगाया गया है.

दिन के 1.20 बजे के करीब कास्टिक तालाब में एक बड़ा विस्फोट : प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दिन के 1.20 बजे के करीब कास्टिक तालाब से बड़ी तेज आयी. ऐसा लगा, मानो ज्वालामुखी फटा हो. दूर-दूर तक धूल कण फैलने लगे. इधर मलबा गार्डवाल को तोड़ते हुए तेजी से आगे बढ़ने लगा.

लगभग एक किलोमीटर तक मलबा फैल गया. इस दौरान कुछ मजदूर भी वहां लेबलिंग का काम कर रहे थे. कुछ मजदूर पाॅन्ड के पश्चिमी छोर पर गार्डवाल बनाने का काम भी कर रहे थे. इसके बाद आसपास के घरों तक मलबा फैलने लगा. लोग घरों को छोड़ कर दूर भागने लगे. पौंड के समीप ही रांची-मुरी व मुरी-चांडिल रेललाइन है.

मलबे का एक बड़ा ढेर मुरी-चांडिल रेललाइन पर गिर गया. इस कारण इस रूट से ट्रेन सेवा कई घंटे तक बाधित रही. यहां तीसरी लाइन मालगाड़ी की है. मलबे के समीप ही यह लाइन करीब चार फीट ऊंची उठ गयी. पाॅन्ड के पश्चिमी छोर स्थित दो तालाब पूरी तरह से मलबे के कारण गायब हो गये. दो कुएं भी गायब हो गये.

कई लोगों के खेतों में मलबा भर गया. फसल बर्बाद हो गयी. मलबे के ढेर के बीच ही छह हाइवा व दो पेलोडर पलटे हुए थे. कई मछलियां व अजगर सांप भी मलबे से निकलने लगे.

स्थानीय लोगों ने कहा कि कास्टिक तालाब के समीप ही दो-दो साफ पानी का तालाब था. जहां महिलाएं स्नान कर रही थी. उनका कुछ पता नहीं है. बिजली की हाइवोल्टेज तार भी क्षतिग्रस्त हुई है.

गार्डवाल की किसने जांच की और कैसे मिला सीटीओ : तिवारी

मुख्य सचिव डीके तिवारी ने बताया कि घटना की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि गार्डवाल कैसे टूटा, इसे सर्टिफाइ किसने किया और इसे कंसेंट टू अॉपरेट (सीटीओ) कैसे मिला, इस बिंदु पर भी जांच के आदेश दिये गये हैं.

प्रदूषण नियंत्रण पर्षद को तत्काल कंपनी को सील करने का निर्देश दिया गया है और सीटीओ को रद्द करने का आदेश दिया गया है. रेललाइन में भी विशेष सतर्कता बरतने का आदेश दिया गया है. सरकार की पहली प्राथमिकता है कि आमलोगों को किसी प्रकार की क्षति न हो, उन्हें राहत कैसे पहुंचाया जाये.

जांच अधिकारी भी पहुंचेदक्षिणी छोटानागपुर की आयुक्त शुभ्रा वर्मा और मुख्य कारखाना निरीक्षक एके मिश्रा समेत प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की टीम भी मौके पर पहुंच कर घटना की जांच की. टीम ने मजदूरों से बात की और इसकी जानकारी मुख्य सचिव को दी है. कल ये टीम पुन: जांच करेगी. एनडीआरएफ की टीम भी पहुंच गयी है. सुबह से उनका अभियान शुरू हाेगा.

उपायुक्त व एसडीओ भी पहुंचे

रांची के उपायुक्त राय महिमापत रे और एसडीओ गरिमा सिंह समेत स्थानीय पदाधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे. उपायुक्त ने बताया कि राहत व बचाव के लिए टीम पहुंच गयी है. राहत कार्य सुबह से शुरू हो जायेगी. पूरी टीम को अलर्ट कर दिया गया है. उपायुक्त ने बताया कि अभी तक किसी के मरने की खबर नहीं है. मलबा हटने के बाद ही पता चल सकेगा कि कितने लोग मरे हैं.

चार लोग घायल हुए: हिंडाल्को

हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड के यूनिट हेड नित्यानंद राय ने विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि प्लांट के समीप स्थित रेड मड स्टोरेज एरिया में दुर्घटना हुई है. इसमें रेड मड का मलबा स्टोरेज एरिया को तोड़ते हुए फैल गया. कंपनी इसके कारणों की पड़ताल कर रही है और परिस्थितियों को देखते हुए अस्थायी रूप से प्लांट का अॉपरेशन बंद कर दिया है.

प्रारंभिक जांच से यह संकेत मिलता है कि आसपास की परिसंपत्तियों और पर्यावरण को कोई क्षति नहीं पहुंची है. चार लोग मामूली रूप से घायल हुए थे. जिनका इलाज किया गया है.श्री राय ने कहा कि उस समय लंच टाइम था. जिसके कारण पांच से छह लोग ही काम कर रहे थे. मलबा आने के कारण उनकी गाड़ी पलट गयी, पर वे सब सुरक्षित बाहर आ गये. यदि कोई दबा होता तो अब तक उनके परिजन यहां आ चुके होते. अभी तक कोई भी मिसिंग की रिपोर्ट करने नहीं आया है.

इससे पता चलता है कि सारे मजदूर सुरक्षित हैं. उन्होंने बताया कि कारखाना से पौंड तक मलबा लाने का काम एस सुदर्शन नामक कंपनी को आउटसोर्स पर दिया गया है. उनके ही मजदूर यहां काम करते हैं. जहां तक गार्डवाल की बात है, तो सीबीआरआइ रुड़की द्वारा इसका डिजाइन तैयार किया गया था. आइआइटी मुंबई ने इसे सर्टिफाइ किया था. मलबे में विस्फोट की वजह से गार्डवाल टूटा. कंपनी कारणों की जांच कर रही है.

घटनास्थल पर पहुंचे सुदेश, अमित और रामटहल

सूचना मिलते ही सांसद रामटहल चौधरी, सिल्ली के पूर्व विधायक सुदेश महतो और अमित महतो भी घटनास्थल पर पहुंचे. नेताओं ने आसपास के लोगों से बातचीत की. इधर सांसद रामटहल चौधरी ने घटना को दुखद बताया है और पूरे मामले की जांच होने की बात कही है.

सरकार जांच कर रही है : सुदेश महतो

वहीं पूर्व विधायक सुदेश महतो ने कहा कि यहां घटना घटी है. घटनास्थल का अवलोकन किया है. लगाम गांव में ही उनका घर है. सरकार ने जांच के आदेश दे दिये हैं. अभी तक किसी की मौत की पुष्टि नहीं हो पायी है. राहत व बचाव दल मुरी पहुंच गये हैं. राहत व बचाव कार्य के बाद ही पता चल सकेगा कि कितनी क्षति हुई है. प्रशासन से मांग की गयी है कि जिनकी भी क्षति हुई, उसकी जांच कर उचित मुआवजा दिया जाये. अब जांच के बाद ही कुछ स्पष्ट हो पायेगा.

150 से 200 लाेग दब कर मरे हैं. : अमित महतो

पूर्व विधायक व झामुमो के नेता अमित महतो ने कहा कि कास्टिक पौंड में 150 से 200 मजदूर हर दिन काम करते हैं. एस सुदर्शन नामक कंपनी को यहां का काम मिला हुआ है. उनके मजदूर ही यहां मलबा लाते हैं. किसी मजदूर का कोई अता-पता नहीं है. यानी 150 से 200 मजदूर मरे होंगे. जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी.

प्रदूषण बाेर्ड ने दिया हिंडाल्को को उत्पादन बंद करने का निर्देश

पूर्व विधायक अमित महतो ने 150 से 200 लाेगाें के दबे होने की आशंका जतायी

जांच के बाद ही पता चलेगा, पर अब तक माैत की पुष्टि नहीं : सुदेश

एक की मौत की पुष्टि मजदूर ने की

पाॅन्ड में काम करने वाले बुलडोजर के सह चालक मनोज सिंह ने बताया कि वह और ड्राइवर अमरेंद्र कुमार काम कर रहे थे. कई लोग लंच के लिए गये हुए थे. कई लोग सरहुल के कारण छुट्टी पर थे. दोपहर में अचानक विस्फोट हुआ, जब तक हमलोग संभलते, तब तक मलबे के ढेर में गाड़ी फंस गयी. किसी तरह मैं कूद कर भागा, पर ड्राइवर अमरेंद्र कुमार मलबे में ही दब गया. उसकी बॉडी का कहीं पता नहीं चल रहा है. अमरेंद्र पटना के रहने वाले हैं.

मुख्य सचिव के निर्देश पर आयुक्त पहुंची जांच करने

मुख्य सचिव डॉ डीके तिवारी ने आयुक्त शुभ्रा वर्मा को मामले की उच्चस्तरीय जांच करने का आदेश दिया हैं. उन्होंने कहा कि शीघ्र जांच कर रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपें. यह भी निर्देश दिया कि आसपास के लोगों को परेशानी व जान-माल की क्षति न हो, यह सुनिश्चित करें. आयुक्त भी घटनास्थल पर पहुंच मामले की जांच में जुट गयी हैं. वहीं, रांची से एनडीआरएफ की टीम भी घटनास्थल पर पहुंच चुकी है.

जोर का विस्फोट हुआ : ग्रामीण

सोमा महतो, मेनका देवी, ठाकुर दास और वैशाखी देवी ने बताया कि जोर का विस्फोट हुआ. इसके बाद मलबा उनकी घर की ओर आने लगा, तो वे लोग सारा समान छोड़कर भागे. बाद में देखा, तो मलबा घर से केवल एक फीट की दूरी पर ही है. वहां पास में तालाब था. जिसमें मलबा भर गया और उनका घर बच गया.

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