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रांची : आलिया, अनन्या, रेहान और प्रियांशु को मिली सुनने की ताकत, गीता अब दुनिया देख पायेगी
रिम्स के खाते में दो और उपलब्धियां. पांच मासूमों को मिली जीने की नयी उम्मीद राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के खाते में दो और नयी उपलब्धियां आयी हैं. अस्पताल के इएनटी विभाग के डॉक्टरों ने चार मासूमों का सफल कोकलर इंपलांट किया. ये चारों बच्चे जन्म से ही मूक-बधिर थे. ये बच्चे अब […]
रिम्स के खाते में दो और उपलब्धियां. पांच मासूमों को मिली जीने की नयी उम्मीद
राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के खाते में दो और नयी उपलब्धियां आयी हैं. अस्पताल के इएनटी विभाग के डॉक्टरों ने चार मासूमों का सफल कोकलर इंपलांट किया. ये चारों बच्चे जन्म से ही मूक-बधिर थे. ये बच्चे अब सुन और बोल सकेंगे. वहीं, अस्पताल के नेत्र रोग विभाग के डॉक्टरों की टीम ने 13 साल की बच्ची गीता (बदला हुआ नाम) का कॉर्निया ट्रांसप्लांट किया. अस्पताल में भर्ती एक युवक की मौत के बाद उसके परिजनों की सहमति पर उसका कॉर्निया बच्ची में ट्रांसप्लांट किया गया.
रांची : रिम्स के इएनटी विभाग के डॉक्टरों ने 28 व 29 मार्च को जन्म से मूक-बधिर जिन चार बच्चों का सफल कोकलर इंप्लांट किया. इनमें रामगढ़ की पांच वर्षीय आलिया फिरदौस व तीन साल की अनन्या कुमारी, कांके रांची का साढ़े तीन साल का रेहान अली व ढाई साल का प्रियांशु शामिल हैं. कारीब पांच दिन बाद बुधवार को जब डॉक्टरों ने काॅटेज में भर्ती बच्चों का रिव्यू किया, तो उनका घाव सूखने की स्थिति में पाया गया.
चारों बच्चों का ऑपरेशन बीजे मेडिकल कॉलेज अहमदाबाद से आये डॉ राजेश कुमार के निर्देशन में इएनटी के विभागाध्यक्ष डॉ पीके सिंह, डॉ संदीप कुमार, डॉ बीके सिन्हा, डॉ आरके पांडेय, डॉ चंद्रकांति बिरुआ, डॉ राजेश चौधरी व डॉ जाहिद एम खान ने किया. आॅपरेशन मुफ्त किया गया, जिसका पूरा खर्च केंद्र सरकार ने वहन किया गया है.
डॉ पीके सिंह ने बताया कि डॉ विश्वकर्मा कोकलर इंप्लांट के विशेषज्ञ हैं और पूरे देश में मूक-बधिर के लिए सरकार द्वारा चलायी जा रही योजना के तहत इंप्लांट लगाते हैं. ऑपरेशन में सीनियर रेजीडेंट डॉ निभा निहारिका कुमार, डाॅ रचना प्रसाद, डॉ ऑलेख, डॉ गजेंद्र, डॉ राजीव किस्कू के अलावा एनेस्थिसिया के डॉ शांति प्रकाश, डॉ मोनिका गुलाटी, डॉ कुंदन, डॉ प्रियंका व डाॅ अनिवेश आदि ने सहयोग किया.
इएनटी के डॉक्टरों ने 28 और 29 मार्च को किया था चारों बच्चों का कोकलर इंप्लांट
इंप्लांट करानेवाले बच्चों की उम्र ढाई से पांच साल के बीच दो रांची और दो रामगढ़ के
अहमदाबाद के इएनटी विशेषज्ञ डॉ राजेश विश्वकर्मा आये थे सर्जरी में मदद के लिए
पांच लाख खर्च होते हैं एक कोकलर इंप्लांट में, रिम्स में सभी ऑपरेशन मुफ्त में हुए
सरकार ने उठाया है चारों बच्चों के ऑपरेशन और इलाज का पूरा खर्च
दो महीने बाद शुरू की जायेगी मशीन, उसके बाद शुरू होगी स्पीच थेरेपी
बच्चों को एक सप्ताह अस्पताल में रखा जायेगा, उसके बाद छुट्टी दे दी जायेगी. करीब दो माह बाद इंप्लांट के तकनीकी विशेषज्ञ बच्चों के कान में लगी मशीन को चालू कर देंगे. इसके बाद बच्चों को स्पीच थेरेपी करायी जायेगी. अभिभावकों की भी काउंसेलिंग की जायेगी. जानकारी के अनुसार ऑपरेशन में करीब पांच लाख का खर्च आता है, लेकिन अभिभावकों को पैसा नहीं देना पड़ता है.
बच्ची में ट्रांसप्लांट किया गया ब्रेन डेड मरीज का कॉर्निया
रांची : रिम्स में नेत्र विभाग के डॉ सुनील की टीम ने बुधवार को 13 साल की गीता का सफल कॉर्निया ट्रांसप्लांट किया गया. उसकी दांयी आंखों में रोशनी नहीं थी. इसमें 25 वर्षीय प्रदीप तिर्की का कॉर्निया का इंप्लांट किया गया है. प्रदीप की मौत रिम्स में इलाज के दौरान हो गयी थी. वह सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के बाद रिम्स में भर्ती हुए थे.
गीता की आंखों के ऑपरेशन में डॉ सुनील कुमार के अलावा डॉ शिल्पी दुबे, डॉ मृणाल सिंह व डॉ संजय कुमार ने सहयोग किया. ब्रेन डेड होने के बाद रिम्स के नेत्र विभाग के आइ बैंक की टीम ने संपर्क किया. परिजनों को जागरूक किया, जिसके बाद वह नेत्रदान करने को तैयार हुए.
इसके बाद गीता के परिजनों को संपर्क किया गया और इंप्लांट किया गया. काॅर्निया ट्रांसप्लांट में जागरूक करने व सहयोग करने में ऑप्थेलमिक प्रेम प्रकाश, चंदन कुमार व अभिमन्यु कुमार ने अहम भूमिका निभायी. डॉ सुशील ने बताया कि बच्ची को एक सप्ताह तक निगारानी में रखा जायेगा. इसके बाद उसको छुट्टी दे दी जायेगी.
रांची : रिम्स सीटी स्कैन व एक्सरे जांच बंद, मरीज परेशान
अनुबंध पर रखी जायेंगी 37 जीएनएम छात्राएं
रांची : रिम्स प्रबंधन अपने यहां से नर्सिंग स्कूल से जीएनएम की पढ़ाई पूरी करने वाली 37 छात्राओं को एक वर्ष के लिए नियुक्त करेगा. सेवा के लिए उनको 10,000 रुपये मासिक मानदेय दिया जायेगा.
रिम्स निदेशक डॉ दिनेश कुमार सिंह ने बुधवार को योगदान देने से संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है. ये सभी नर्स शुक्रवार तक रिम्स में योगदान दें सकती हैं. उनके योगदान देने के बाद जिस वार्ड में ज्यादा लोड है या जिस विंग को शुरू करना है, उनमें उनकी सेवाएं ली जायेंगी.
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