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रांची में हुई झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग की जनसुनवाई, छलका आमलोगों का दर्द
यह बिजली की दर का नहीं, बिजली कंपनी से मिले दर्द का हो रहा निर्धारण रांची : झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा मंगलवार को रांची के आइएमए भवन में बिजली की टैरिफ पर जनसुनवाई की गयी. जनसुनवाई में उपस्थित लोगों ने बिजली दर बढ़ाने का तीखा विरोध किया. वहीं, बिजली वितरण निगम की कार्यशैली […]
यह बिजली की दर का नहीं, बिजली कंपनी से मिले दर्द का हो रहा निर्धारण
रांची : झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा मंगलवार को रांची के आइएमए भवन में बिजली की टैरिफ पर जनसुनवाई की गयी. जनसुनवाई में उपस्थित लोगों ने बिजली दर बढ़ाने का तीखा विरोध किया. वहीं, बिजली वितरण निगम की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान लगाया.
घरेलू से लेकर व्यावसायिक उपभोक्ताओं ने कहा कि व्यवस्था में सुधार के बाद ही नये बिजली दर के बारे में सोचना चाहिये. ये बिजली दर नहीं, दर्द का निर्धारण हो रहा है. वितरण निगम साल दर साल दर्द देता रहेगा और हर साल दर का भी निर्धारण होता रहेगा. ग्रामीण इलाकों में 24 घंटे में सिर्फ दो से चार घंटे ही बिजली रहती है. खराब बिजली व्यवस्था का खामियाजा उपभोक्ताओं को ही उठाना पड़ता है.
इस बार की जनसुनवाई में सबसे अहम बात रही कि छात्र-छात्राओं ने भी कहा कि बिजली न रहने का असर उनकी पढ़ाई पर पड़ रहा है.
नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद प्रसाद और सदस्य तकनीक आरएन सिंह ने उपभोक्ताओं की बातें सुनी. अध्यक्ष ने कहा कि दोनों पक्षों की बातें को सुनी हैं. किसी को परेशानी न हो, इसी आधार पर टैरिफ पर निर्णय लिया जायेगा. संचालन सचिव एके मेहता ने किया. कार्यक्रम में लगभग 40 लोगों ने अपने विचार रखे. वितरण निगम के एमडी समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद थे.
हर घर में 100 फीसदी बिजली पहुंचाने का दावा : झारखंड बिजली वितरण निगम की ओर से चीफ इंजीनियर सुनील कुमार ठाकुर ने प्रेजेंटेशन दिया. उन्होंने बताया कि ग्रामीण विद्युतीकरण 100 फीसदी, हर घर में बिजली 100 फीसदी, शहरी क्षेत्रों के हर घर में 100 फीसदी बिजली पहुंचा दी गयी है. प्रति व्यक्ति बिजली की खपत 628 यूनिट है.
एटीएंडसी लॉस 31.67 फीसदी है. कृषि फीडर अलग किया जा रहा है. 48 नये पावर स्टेशन जोड़े गये हैं. 59 पावर स्टेशनों की क्षमता बढ़ायी गयी है. 190 नये पावर स्टेशन को जोड़ने का काम हो रहा है. ट्रांसफारमरों की क्षमता 4912 एमवीए की गयी है. 12 हजार ट्रांसफारमर बदले गये हैं. इस बार बिजली दर को सिर्फ पांच कैटेगरी में रखा गया है.
इंडस्ट्रीज नहीं चलेगी, तो सरकार भी नहीं चलेगी: सुनील सिंह, वीरेंद्र
धनबाद के उद्यमी सुनील सिंह ने कहा कि एचटीएसएस कैटेगरी में 43 स्टील प्लांट हैं. 900 करोड़ रुपये से अधिक का पूंजी निवेश इन प्लांटों में हुआ है. हर माह इन प्लांटों से 50 करोड़ रुपये बिजली बिल दिया जाता है. अगर एचटीएसएस कैटेगरी को हटाया गया, तो सभी प्लांट बंद हो जायेंगे. धनबाद के ही उद्योगपति वीरेंद्र राय ने कहा कि टैरिफ ऐसा हो कि उद्योग चले.
चैरिटेबल सोसाइटी के लिये अलग से हो प्रावधान: भास्करानंद
योगदा सत्संग सोसाइटी के भास्करारानंद ने कहा कि चैरिटेबल सोसाइटी के लिए बिजली दर का अलग से प्रावधान होना चाहिए. हमलोग फ्री स्कूल, कॉलेज, योगा क्लास और अस्पताल चलाते हैं. पर दर कॉमर्शियल का लिया जाता है. चैरिटेबल संस्थाओं के लिए अलग व्यवस्था होनी चाहिए.
आयोग निर्देश देता रहेगा, वितरण निगम को कोई असर नहीं होगा: भंडारी
अजय भंडारी ने कहा बिजली वितरण निगम, झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग का आदेश भी नहीं मानता है. छह-छह महीने तक बिल नहीं मिलता है. ये दर नहीं दर्द का निर्धारण हो रहा है. सिक्यूरिटी डिपोजिट का भी ब्याज नहीं मिलता है.
चान्हो में दो से चार घंटे ही बिजली: ओम प्रकाश
चान्हो के ओम प्रकाश ने कहा कि 24 घंटे में मुश्किल से दो से चार घंटे ही बिजली मिलती है. सारा कमाई जेनेरेटर खर्च में चला जाता है. फ्यूज उड़ जाने पर 24 घंटे इंतजार करना पड़ता है. लाइन मैन और ऑपरेटर भी नहीं हैं
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ग्रामीणों को बिजली नहीं फिर शहर के समान दर क्यों: हेमलता
चान्हो से जिला परिषद सदस्य हेमलता उरांव ने कहा कि झोपड़ी पर रहने वालों पर तरस खाईये. एक साल में बिल बढ़ा दिया जा रहा है. किसान खेती-बारी करना छोड़ देगा, तो शहर के लोगों को अनाज का एक दाना भी नहीं मिलेगा. अंग्रेजी में ऐसा प्रेंजेंटेशन दिया गया कि ग्रामीण समझ नहीं पाये. गांव में जो एजेंसी काम कर रही है न तो अर्थिंग सही से लगाते हैं न ही तार.
पावर कट के कारण नहीं हो पाती है पढ़ाई: विद्या
छात्रा विद्या कुमारी ने कहा कि इतनी बार बिजली कटती है कि पढ़ाई करने का लय टूट जाता है. हमलोगों का इंस्टीट्यूट नामकुम में है. वहां हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करते हैं. नामकुम में सबसे अधिक पावर कट होता है. लालटेन और मोमबत्ती जलाना पड़ती है. लैपटॉप और मोबाइल से भी काम नहीं कर पाते . इसे भी चार्ज करने के लिए बिजली चाहिए. योगदा के कॉलेज के छात्रों ने भी बिजली न रहने की समस्या रखी.
सीएजी से ऑडिटेड नहीं है एकाउंट: अशोक
आदित्यपुर स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के वीपी सीए अशोक बियानी ने कहा कि वितरण निगम का 2017-18 का एकाउंट सीएजी से भी ऑडिटेड नहीं है. इसे स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए. आरपी शाही ने कहा कि वितरण निगम में भ्रष्टाचार है. कहा जाता है कि जीएम का कलेक्शन ऊपर तक जाता है. ऐसे में किसी हाल में दर नहीं बढ़ना चाहिए.
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