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रांची : गांवों में दिन भर नहीं रहती बिजली, सोने के बाद आती है और जागने से पहले चली जाती है

विद्युत नियामक आयोग की सलाहकार समिति की बैठक में बिजली बिल बढ़ाने के प्रस्ताव का विरोध, कहा गया रांची : विद्युत नियामक आयोग की सलाहकार समिति की बैठक में बिजली बिल में वृद्धि के प्रस्ताव का विरोध किया गया. सलाहकार समिति व चान्हो जिला परिषद सदस्य हेमलता उरांव ने राज्य में बिजली की बदहाल स्थिति […]

विद्युत नियामक आयोग की सलाहकार समिति की बैठक में बिजली बिल बढ़ाने के प्रस्ताव का विरोध, कहा गया
रांची : विद्युत नियामक आयोग की सलाहकार समिति की बैठक में बिजली बिल में वृद्धि के प्रस्ताव का विरोध किया गया. सलाहकार समिति व चान्हो जिला परिषद सदस्य हेमलता उरांव ने राज्य में बिजली की बदहाल स्थिति की व्याख्या की. कहा : राज्य के गांवों में पूरे दिन बिजली नहीं रहती.
रात नौ बजे लोगों के सोने के बाद बिजली आती है, सुबह लोगों के जागने के पहले चली जाती है. ट्रांसफरमर खराब होने पर साल-साल भर नहीं बदले जाते हैं. तार टूटने के बाद महीनों बिजली नहीं रहती. लोगों को चंदा जमा कर ट्रांसफरमर बनवाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि गांवों में शहरों के मुकाबले 25 प्रतिशत ही बिजली की आपूर्ति की जाती है.
हेमलता उरांव ने कहा : मुख्यमंत्री ने घोषणा कर दी है कि राज्य में हर घर तक बिजली पहुंच गयी है. लेकिन, कथनी और करनी में बहुत अंतर होता है. मेरे ही गांव के 50 फीसदी घरों में अब तक बिजली नहीं है.
बिजली वितरण निगम के एमडी को सच्चाई बतानी चाहिए. एसी कमरे में बैठ कर हवा में चार्ट बनाने से कुछ नहीं होगा. ग्रामीण क्षेत्रों के बिजली बिल में बिल्कुल वृद्धि नहीं होनी चाहिए. बल्कि, ग्रामीण इलाकों से तो बिजली का फिक्स चार्ज भी हटाया जाना चाहिए. जितनी बिजली का लोग इस्तेमाल करें, उतना ही बिल अदा करें. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोग बहुत पढ़े-लिखे नहीं होते हैं. ऑनलाइन बिल का भुगतान उनके बस के बाहर की बात है. इस तरह की उपलब्धियां गिना कर लोगों को बेवकूफ नहीं बनाया जाये. ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी है. वहां लोग जागरूक हो गये, तो बिजली विभाग के लोगों का बैठक मुश्किल हो जायेगा.
अधिकारी भी थे मौजूद : आयोग के चेयरमैन अरविंद प्रसाद, सदस्य आरएन सिंह, बिजली वितरण निगम के एमडी राहुल पुरवार, संचरण एमडी व जेरेडा के निदेशक निरंजन कुमार, चीफ इंजीनियर सुनील ठाकुर समेत अन्य उपस्थित थे.
दो से तीन माह में दिया जाता है बिजली का बिल
स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज के अंजय पचरीवाल ने कहा कि उपभोक्ताओं को दो से तीन माह में बिजली बिल दिया जाता है. बिल में त्रुटि होने पर सुधारने के लिए ऑफिस का चक्कर लगाते-लगाते उपभोक्ता थक जाता है. लघु उद्योग भारती के अशोक तुलस्यान ने कहा कि फिक्स डिमांड चार्ज सभी तरह के उपभोक्ताओं को लागू होना चाहिए. किसी एक को छोड़ कर दूसरे पर थोपना उचित नहीं है. चेंबर के अध्यक्ष दीपक मारू ने कहा कि फ्री में बिजली कनेक्शन नहीं दिया जाता है, लेकिन उपभोक्ता डिपोजिट पर इंटरेस्ट देने में विभाग देर करता है.
बिजली में सुधार के लिए समय देना ही पड़ेगा : पुरवार
बिजली वितरण निगम के एमडी राहुल पुरवार ने प्रस्तावित बिजली टैरिफ पर अपना विचार रखते हुए कहा कि केवल खामियां निकाला जाना उचित नहीं है.
विषय को समग्रता से समझना जरूरी है. घर में खाना नहीं होने पर सजावट की बात सोचना बेकार है. बिहार से अलग होने के बाद झारखंड में सबसे पहले इंफ्रास्ट्रक्चर और नेटवर्किंग सिस्टम दुरुस्त करना बड़ी चुनौती थी. पिछले चार-पांच वर्षों से इस पर काम किया जा रहा है. संथाल परगना व पलामू बिजली के लिए बिहार और उत्तर प्रदेश पर निर्भर थे. एक लाइन ब्रेड डाऊन होने पर कई दिनों तक बिजली नहीं आती थी. लेकिन, अब व्यवस्था में सुधार हो रहा है.
पूरी तरह से सुधार के लिए समय देना ही होगा. राज्य में 375 सब स्टेशनों में 300 और जोड़े जा रहे हैं. ग्रिड सब स्टेशन की संख्या बढ़ा कर 140 की जा रही है. रांची सहित पूरे झारखंड में निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए कई योजनाएं चल रही हैं. बिजली बिल वितरण में सुधार के लिए आइटी सेक्टर काम कर हा है. बिजली एकाउंटिंग पर काम हाे रहा है. स्कार्ड सिस्टम अप्रैल तक रांची, जमशेदपुर एवं धनबाद में शुरू कर दिया जायेगा.
बिजली की दर बढ़ेगी, लेकिन सब्सिडी में भी वृद्धि के संकेत
झारखंड विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन अरविंद प्रसाद ने अपने वक्तव्य में इशारा किया कि बिजली दरों में इजाफा होगा. लेकिन, सब्सिडी बढ़ा कर उपभोक्ताओं को राहत भी प्रदान की जा सकती है.
उन्होंने कहा कि एक क्षेत्र के उपभोक्ताओं को छोड़ कर दूसरे क्षेत्र के उपभोक्ताओं से उसकी भरपाई करना उचित नहीं है. आयोग उपभोक्ता पर अत्यधिक भार नहीं देने का प्रयास करेगा. सरकार भी सब्सिडी देकर उपभोक्ताओं को राहत दे सकती है. आयोग के सदस्य आरएन सिंह ने कहा कि बिजली दर में केवल बढ़ाेतरी नहीं, बल्कि क्वालिटी पूर्ण बिजली देने का प्रयास किया जा रहा है. सेफ्टी, सिक्यूरिटी व नियमित बिजली बिल पर ध्यान दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बिजली कनेक्शन सिक्यूरिटी मनी पर ब्याज देने का काम भी निगम को जल्द शुरू करना चाहिए.
रूफ टॉप सोलर टैरिफ पर विचार
बैठक में रूफ टॉप सोलर के टैरिफ पर भी विचार किया गया. नेट मीटरिंग पर तैयार प्रस्ताव 3.80 रुपये पर लोगों से सलाह मांगी गयी. हालांकि, इसे बढ़ाने या घटाने पर कोई राय नहीं आयी. इस वजह से रूफ टॉप सोलर बिजली नेट मीटरिंग उपभोक्ताओं को 3.80 रुपये मिलना लगभग तय है. आयोग इस पर जल्द निर्णय लेगा.
नियामक आयोग ने जारी किया बिजली टैरिफ पर जन सुनवाई कार्यक्रम
रांची : वर्ष 2019-20 के दौरान बिजली टैरिफ में वृद्धि के लिए झारखंड बिजली वितरण निगम ने विद्युत नियामक आयोग के पास आवेदन दिया है. आयोग ने आवेदन पर आपत्तियों और सुझाव के लिए जनसुनवाई कार्यक्रम जारी कर दिया है.
इच्छुक व्यक्ति, संस्था, उपभोक्ता समूह और विज्ञप्तिधारी जनसुनवाई में उपस्थित होकर अपने सुझाव, आपत्ति या मंतव्य दे सकते हैं. लोगों की बातों को सुनने के बाद ही बिजली की दरों में बढ़ोतरी का स्तर निर्धारित किया जायेगा. मालूम हो कि निगम ने राज्य में बिजली की दरों में 20 से 30 प्रतिशत तक औसत बढ़ोतरी के लिए झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के समक्ष आवेदन किया है.
कार्यक्रम :
06 फरवरी : मेदिनीनगर, टाउन हॉल शिवाजी मैदान स्थित गिरिवर हाइस्कूल के सामने
08 फरवरी : हजारीबाग, नगर भवन
09 फरवरी : दुमका, टाउन हॉल इंदौर स्टेडियम बाइपास रोड
12 फरवरी : रांची में आइएमए सभागार में करमटोली चौक के पास 13 फरवरी : चाईबासा, मांगीलाल रुंगटा प्लस टू स्कूल जेल के सामने.
हरमू सहित राजधानी के बड़े इलाके में उपभोक्ता बिजली कटौती से परेशान
रांची. हरमू, किशोरगंज सहित राजधानी के बड़े हिस्से में उपभोक्ता बिजली की अनियमित आपूर्ति से परेशान हैं. इन इलाकों में दिन में काफी देर तक बिजली बंद रहती है. सब स्टेशन व संबंधित अधिकारी फोन करने पर कहा जाता है कि मरम्मत का काम चल रहा है.
राजधानी में गुरुवार को अरगोड़ा, अरगोड़ा चौक, अशोक कुंज, अशोक नगर, कडरू, अोल्ड व न्यू एजी कॉलोनी, पुंदाग, अलकापुरी, साहू चौक, शहीद चौक, अपर बाजार, सेवा सदन रोड, टेलिफोन एक्सचेंज, भुइयां टोली, गेतलातू, पिस्का मोड़ के इटकी रोड सहित अन्य संबंधित इलाके में लाइन बनाने से लेकर उपकरण लगाने सहित अन्य कार्य किये जाने के कारण बिजली बंद थी. कोकर सहित बड़े इलाके के उपभोक्ता भी बिजली की अनियमित आपूर्ति से परेशान हैं. विभाग के अधिकारी ने कहा कि लाइन में कार्य किये जाने के कारण यह बिजली बंद हो रही है. उन्होंने कहा कि यह आपूर्ति फरवरी के मध्य तक प्रभावित रहेगी.

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