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झारखंड में पावर क्राइसिस, 1100 मेगावाट की जरूरत, मिली सिर्फ 702 मेगावाट

रांची : झारखंड में जबर्दस्त पावर क्राइसिस है. मंगलवार को आधुनिक पावर प्लांट से उत्पादन ठप होने के बाद शुरू हुआ यह संकट बुधवार को भी जारी रहा. हालांकि, उम्मीद जतायी जा रही थी कि मंगलवार देर रात से आपूर्ति सामान्य हो जायेगी. लेकिन, बुधवार सुबह भी लोगों को लोड शेडिंग का सामना करना पड़ा. […]

रांची : झारखंड में जबर्दस्त पावर क्राइसिस है. मंगलवार को आधुनिक पावर प्लांट से उत्पादन ठप होने के बाद शुरू हुआ यह संकट बुधवार को भी जारी रहा. हालांकि, उम्मीद जतायी जा रही थी कि मंगलवार देर रात से आपूर्ति सामान्य हो जायेगी. लेकिन, बुधवार सुबह भी लोगों को लोड शेडिंग का सामना करना पड़ा.

इनलैंड पावर से मंगलवार सुबह उत्पादन शुरू हुआ था, लेकिन इससे पहले सोमवार की रात से आधुनिक पावर प्लांट से उत्पादन ठप हो गया. फलस्वरूप रांची समेत राज्य भर में लोड शेडिंग करनी पड़ी. सिर्फ डीवीसी कमांड एरिया में फुल लोड बिजली दी जा रही है.

आधुनिक पावर प्लांट से 184 मेगावाट बिजली मिलती थी, जो मंगलवार को नहीं मिली. इसलिए दिन में 251 मेगावाट की लोड शेडिंग की गयी. खूंटी, चाईबासा, गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा, लातेहार, पलामू, गढ़वा और संताल-परगना के इलाकों में लोड शेडिंग हो रही थी. एक-एक घंटे पर यहां बिजली दी जा रही थी.

रांची और जमशेदपुर में अपेक्षाकृत कम लोड शेडिंग की गयी. दिन के समय रांची और जमशेदपुर में लोड शेडिंग की गयी, पर शाम से फुल लोड आपूर्ति की गयी.

ऐसा है संकट

बताया गया कि तेनुघाट से 211 मेगावाट, सीपीपी से आठ मेगावाट और इनलैंड से 24 मेगावाट उत्पादन हो रहा था. इनलैंड 50 से 60 मेगावाट उत्पादन करता है. देर रात तक फुल लोड उत्पादन होने की संभावना है. झारखंड के पास अपनी बिजली केवल 243 मेगावाट ही थी. सेंट्रल पूल से 421 मेगावाट और एसइआर से 38 मेगावाट बिजली मिल रही थी.

यानी झारखंड को 702 मेगावाट बिजली मिल रही थी. मांग 1100 मेगावाट के करीब थी. लगभग 300 मेगावाट बिजली कम थी. 66 मेगावाट बिजली ओवर ड्राॅ कर किसी तरह से सभी जिलों में लोड शेडिंग कर आपूर्ति की जा रही थी. शाम पांच बजे के करीब बताया गया कि 177 मेगावाट की लोड शेडिंग हो रही है.

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