रांची : नेशनल हेल्थ मिशन झारखंड सभी सहिया को प्रशिक्षित कर उनका सर्टिफिकेशन कर रहा है. इसके लिए पहले उन्हें सात से 10 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाता है, जो उनके कामकाज से जुड़ा होता है. इसके बाद नेशनल इंस्टीट्यूट अॉफ अोपेन स्कूलिंग के जरिये उनकी परीक्षा होती है.
केंद्र सरकार की गाइड लाइन के अनुसार चरणबद्ध तरीके से यह काम हो रहा है. पहली बार 561 सहिया की परीक्षा ली गयी है. इनमें से 92 (16 फीसदी) को 90 फीसदी या इससे अधिक अंक मिले हैं. कुल 75 फीसदी प्राप्तांक वाली सहिया की संख्या 513 (75 फीसदी) है. 90 फीसदी या अधिक प्राप्तांक वाली सहिया को सरकार कुछ प्रोत्साहन राशि देने पर विचार कर रही है. इससे इनका मनोबल बढ़ेगा. इसके बाद जनवरी में होने वाली दूसरी परीक्षा में कुल 1346 सहिया शामिल होंगी.
रांची : इज अॉफ डूइंग बिजनेस डिपार्टमेंट अॉफ पॉलिसी एंड प्रमोशन भारत सरकार ने निर्देश दिया है कि राज्य की सरकारें जमीन का ऐसा डाटा बेस तैयार करें कि एक ही क्लिक पर सारी जानकारी उपलब्ध हो जाये. ऐसे पांच बिंदु बताये गये हैं, जिन्हें एक साथ समायोजित करना है. इनमें निबंधन का डेटा, म्यूटेशन का डेटा, प्रोपर्टी का डेटा, रेवन्यू कोर्ट मैनेजमेंट का डाटा और सिविल कोर्ट का डाटा. इसे लेकर विकास आयुक्त की अध्यक्षता में दो दौर की बैठक हो चुकी है. विभाग को कहा गया है कि जल्द से जल्द इस पर काम आरंभ कर दें.
अभी चार बिंदु समायोजित हैं : वर्तमान में झारखंड में झारभूमि की वेबसाइट पर अॉनलाइन अप्लीकेशन, म्यूटेशन स्टेट्स, अॉनलाइन लगान, रेवन्यू कोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम, निबंधन और कंप्लेन मॉनीटरिंग सिस्टम को अॉनलाइन देखा जा सकता है. केवल सिविल कोर्ट में जमीन संबंधी मामले की जानकारी अभी उपलब्ध नहीं करायी गयी है. सरकार के स्तर पर अब यह काम हो रहा है कि जमीन से संबंधित से जितने भी मामले सिविल कोर्ट में चल रहे हैं. उनका अॉनलाइन डाटा तैयार कर साइट पर डाला जाये. इसके लिए काम शुरू करने का निर्देश दिया जा चुका है. बताया गया कि अगले दो से तीन माह में यह काम हो जायेगा. इसके बाद एक ही क्लिक पर जमीन की सारी सूचना तत्काल उपलब्ध हो जायेगी.