रांची: ऊर्जा मंत्री राजेंद्र सिंह ने दावा किया है कि पूरे राज्य में औसतन 23 घंटे तक बिजली आपूर्ति की जा रही है. बिजली कंपनियों के साथ बैठक के बाद प्रोजेक्ट भवन में ऊर्जा मंत्री ने पत्रकारों को बताया कि औसतन 23 घंटे बिजली की आपूर्ति के बावजूद जनप्रतिनिधियों द्वारा बिजली के लिए आंदोलन किया जाना उचित नहीं है.
पलामू का उदाहरण देते हुए मंत्री ने कहा कि पलामू को हटिया ग्रिड से जोड़ दिया गया है. वहां बेहतर बिजली मिल रही है. फिर भी वहां के जनप्रतिनिधियों ने बिजली विभाग के खिलाफ धरना दिया. इससे बिजली सुधार के लिए लगातार प्रयासरत सरकार और पदाधिकारी हतोत्साहित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि 30 जुलाई तक बिजली व्यवस्था सुचारु हो जायेगी.
केस वापस लेने से इनकार
हजारीबाग में बिजली विभाग के जीएम के साथ की गयी बदसलूकी मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा पर किये गये केस को वापस लेने से इनकार करते हुए मंत्री ने कहा कि श्री सिन्हा का आचरण गलत था.
जल्द होगा भुगतान
मंत्री ने कहा कि डीवीसी के क्षेत्र में राज्य आपूर्ति नहीं कर सकता. डीवीसी का ग्रिड है. सरकार वहां भी ग्रिड बनवा रही है. पीजीसीआइएल को 175 करोड़ रुपये भुगतान करने का निर्देश हुआ है. डीवीसी को भी भुगतान होगा. पीटीपीएस में 45 करोड़ खर्च करने पर भेल ने तीन साल 180 मेगावाट बिजली उत्पादन का दावा किया है.
डीवीसी चेयरमैन के एकतरफा चयन पर मंत्री की आपत्ति
डीवीसी चेयरमैन व निदेशक मंडल के सदस्यों के एकतरफा चयन पर ऊर्जा मंत्री राजेंद्र सिंह ने आपत्ति जतायी है. उन्होंने कहा कि चेयरमैन के चयन में झारखंड से राय नहीं ली गयी. चयन के बाद अब मंतव्य मांगा जा रहा है. उन्होंने संचिका मुख्यमंत्री के पास भेज दी है. मंत्री ने कहा कि चार सदस्यीय निदेशक मंडल में एक भी झारखंड के नहीं है, जबकि ऐसी परंपरा रही है कि चेयरमैन या तो झारखंड का या पश्चिम बंगाल का होता है. सदस्यों में भी राज्य के प्रतिनिधिमंडल होते हैं. गौरतलब है कि डीवीसी चेयरमैन के लिए इंडियन ऑडिट एंड एकाउंट सर्विस के एडब्ल्यूके लेंगस्टे, सदस्य वित्त के लिए एचके साहू, सदस्य तकनीक के लिए एनटीपीसी के एजीएम आरपी त्रिपाठी व सदस्य सचिव के लिए पीके मुखोपाध्याय के नाम की अनुशंसा कर झारखंड सरकार से सहमति मांगी गयी है.
14,586 ट्रांसफारमर खरीदने का प्रस्ताव
बिजली वितरण कंपनी द्वारा इस वित्तीय वर्ष में 14, 586 ट्रांसफारमर खरीदने का प्रस्ताव है. इस प्रस्ताव को 19 जून को होने वाली निदेशक मंडल की बैठक में लाया जायेगा. निदेशक मंडल की मंजूरी के बाद ट्रांसफारमर खरीदारी का आदेश जारी किया जायेगा. बताया गया कि बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 25 केवीए क्षमता के 8820 ट्रांसफारमर खरीदने का प्रस्ताव है. वहीं शहरी क्षेत्र के लिए 100 केवीए 3165, 200 केवीए के 1942 व 63 केवीए के 559 ट्रांसफारमर खरीदने का प्रस्ताव है. सब स्टेशनों की क्षमता बढ़ाने के लिए 10 एमवीए क्षमता के 40 व पांच एमवीए क्षमता के पांच पावर ट्रांसफारमर खरीदने का प्रस्ताव है. लगभग एक सौ करोड़ रुपये केवल ट्रांसफारमर की खरीदारी पर खर्च किये जायेंगे. इसके अलावा निदेशक मंडल की बैठक में लगभग 1.26 लाख सिंगल फेज मीटर, 300 वेक्टर मीटर, एसीएसआर विजल कंडक्टर 7996 किमी व 11 केवीए वीसीबी 471 सेट खरीदने का प्रस्ताव है.
बिना सरकारी सहमति के टीवीएनएल का बिजली बिहार को देने का वादा
टीवीएनएल के स्वामित्व के मामले में बिहार और झारखंड के बीच चल रहे मुकदमे में एक बार फिर नया मोड़ आ गया है. टीवीएनएल ललपनिया में नया पावर प्लांट लगाना चाहता है. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट से इजाजत मांगी गयी थी. तब बिहार सरकार की ओर से प्रस्ताव दिया गया था कि टीवीएनएल पावर प्लांट में 50 फीसदी हिस्सेदारी दे, तो पावर प्लांट निर्माण में कोई आपत्ति नहीं है. इसके बाद निगम की ओर से वकील ने अपने स्तर से ही सुप्रीम कोर्ट में कह दिया कि नये पावर प्लांट में 50 फीसदी हिस्सेदारी बिहार को दी जायेगी. यह बात सरकार के संज्ञान में आयी. इससे सरकार के अधिकारी हैरत में है. अब 20 जून को झारखंड और बिहार के मुख्य सचिव के बीच इस मुद्दे को लेकर बातचीत होनी है. मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती इस बैठक में हिस्सा लेने दिल्ली जायेंगे. सरकार पसोपेश में है कि सुप्रीम कोर्ट में वादा किया गया है, ऐसी स्थिति में बिहार के साथ क्या किया जाये.
तेनुघाट में पावर प्लांट बनेगा
मंत्री ने कहा कि तेनुघाट में 1320 मेगावाट का नया पावर प्लांट बनेगा. तेनुघाट का बिजली बोर्ड पर 1500 करोड़ रुपये बकाया है. इसे भुगतान कर दिया जायेगा. तब तेनुघाट 8500 करोड़ की लागत से पावर प्लांट का निर्माण कर सकेगा. बिजली बोर्ड के बंटवारे के बाद केंद्र सरकार से 5710 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिल चुकी है. यह राशि मिलते ही भुगतान कर दिया जायेगा. इसके पूर्व मंत्री के साथ हुई बैठक में बिजली कंपनियों के अध्यक्ष एसएन वर्मा, वितरण कंपनी के एमडी केके वर्मा,संचरण कंपनी के एमडी सुभाष सिंह समेत अन्य निदेशक उपस्थित थे.
श्रावणी मेला तक जीएम कार्यालय देवघर में
मंत्री ने कहा कि श्रवणी मेला के दौरान बिजली संकट नहीं होगा. उपकरणों की कमी थी, उसे पूरा करने का आदेश दे दिया गया है. सावन माह तक दुमका स्थित जीएम कार्यालय अस्थायी रूप से देवघर से संचालित होगा. बिजली वितरण कंपनी के एमडी केके वर्मा व संचरण कंपनी के एमडी सुभाष सिंह को देवघर बिजली व्यवस्था की जिम्मेवारी दी गयी है.