रांची : तमाड़ के पूर्व विधायक रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड में शामिल धनबाद जिला बल का जमादार शेषनाथ खरवार जल्द ही बर्खास्त होगा. इसकी तैयारी पुलिस अधिकारियों ने कर ली है. विभागीय जांच में जमादार को दोषी पाया गया है. हालांकि जांच के दौरान जमादार के जेल में होने के कारण पुलिस को उसका पक्ष नहीं मिल पाया है. इसलिए पुलिस अधिकारी मामले में न्यायालय से उसके दोषी होने का इंतजार कर रहे हैं. गिरफ्तारी के बाद ही उसे निलंबित कर दिया गया था.
गिरफ्तारी से पूर्व वह धनबाद जिला के भौंरा आेपी में पदस्थापित था. वह घटना के दौरान विधायक रमेश सिंह मुंडा की सुरक्षा में तैनात था. उसने ही घटना से पहले रमेश सिंह मुंडा की गतिविधियों के बारे में जानकारी नक्सलियों को दी थी. शेषनाथ से गतिविधियों की जानकारी मिलने के बाद नक्सलियों ने रमेश मुंडा की रेकी की. इसके बाद तय योजना के अनुसार नक्सलियों ने उनकी हत्या कर दी थी.
इस केस का अनुसंधान पूर्व में पुलिस कर रही थी, लेकिन पुलिस की जांच सिर्फ नक्सलियों तक ही सीमित रही थी. बाद में इस केस को नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (एनआइए) को सौंप दिया गया. इसके बाद एनआइए ने हत्याकांड की जांच शुरू की. जांच के दौरान शेषनाथ सिंह की संलिप्तता की जानकारी एनआइए को मिली. इसके बाद एनआइए के अधिकारियों ने शेषनाथ सिंह को आठ अक्तूबर 2017 को गिरफ्तार किया था.
गिरफ्तारी से पूर्व उसे पूछताछ के लिए बुलाया गया था. बाद में भी पूछताछ के लिए उसे रिमांड पर लिया गया था. जांच में उसकी संलिप्तता से संबंधित ठोस साक्ष्य मिलने पर एनआइए रमेश मुंडा हत्याकांड में उसकी संलिप्तता को सही पाते हुए न्यायालय में चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है