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पारा शिक्षकों के काम पर लौटने का अल्टीमेटम आज समाप्त

राज्य शिक्षा परियोजना ने पारा शिक्षकों की हड़ताल से निबटने की तैयारी शुरू की जैक से मांगी शिक्षक पात्रता परीक्षा सफल अभ्यर्थियों की लिस्ट रांची : राज्य शिक्षा परियोजना ने पारा शिक्षकों की हड़ताल से निबटने की तैयारी शुरू कर दी है. शिक्षक पात्रता परीक्षा सफल अभ्यर्थी, 65 वर्ष से कम उम्र के सेवानिवृत्त शिक्षक […]

राज्य शिक्षा परियोजना ने पारा शिक्षकों की हड़ताल से निबटने की तैयारी शुरू की
जैक से मांगी शिक्षक पात्रता परीक्षा सफल अभ्यर्थियों की लिस्ट
रांची : राज्य शिक्षा परियोजना ने पारा शिक्षकों की हड़ताल से निबटने की तैयारी शुरू कर दी है. शिक्षक पात्रता परीक्षा सफल अभ्यर्थी, 65 वर्ष से कम उम्र के सेवानिवृत्त शिक्षक के अलावा शिक्षक प्रशिक्षण व प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे अभ्यर्थी भी स्कूल में लगाये जायेंगे. राज्य शिक्षा परियोजना कार्यालय ने हड़ताली पारा शिक्षकों की जगह अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए लिस्ट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. प्रथम चरण में सभी जिलों में शिक्षक प्रशिक्षण व प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे अभ्यर्थियों का नाम जिलों को भेजा गया है.
स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग द्वारा पारा शिक्षकों को 20 नवंबर तक काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया गया है. 20 तक काम पर नहीं लौटने वाले पारा शिक्षकों की जगह 21 नवंबर से प्रतिनियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी. शिक्षा परियोजना ने जैक से जिलावार शिक्षक पात्रता परीक्षा सफल अभ्यर्थियों का नाम मांगा है. इसके अलावा जिलों में 65 वर्ष से कम उम्र के सेवानिवृत्त शिक्षकों का भी नाम मांगा गया है.
जिलों से मांगी गयी है रिपोर्ट : पारा शिक्षकों की हड़ताल को लेकर राज्य परियोजना कार्यालय ने सभी जिलों से 20 नवंबर तक स्कूल नहीं लौटने वाले पारा शिक्षकों का नाम मांगा है. राज्य में वर्तमान में लगभग 67 हजार पारा शिक्षक कार्यरत हैं. जिलों द्वारा पूर्व में भेजी गयी रिपोर्ट के अनुसार लगभग 50 हजार पारा शिक्षक विद्यालय नहीं आ रहे हैं.
पारा शिक्षकों का जेल भरो आंदोलन आज
पारा शिक्षकों ने आंदोलन और तेज करने का निर्णय लिया है. एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के संजय दुबे ने बताया कि सरकार जब तक उनकी मांग पूरी नहीं करती, आंदोलन जारी रहेगा. सरकार से पारा शिक्षकों पर की गयी कार्रवाई वापस लेने की मांग की है.
पारा शिक्षकों की गिरफ्तारी के विरोध में आज राज्य भर के पारा शिक्षक अपने-अपने थाना में परिवार के साथ गिरफ्तारी देंगे. पारा शिक्षक मंगलवार को जेल भरो आंदोलन चलायेंगे. वे छत्तीसगढ़ की तर्ज पर स्थायीकरण व वेतनमान देने की मांग कर रहे हैं. राज्य के पारा शिक्षक अपनी मांगों को लेकर 16 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. हड़ताल से राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है. वैसे विद्यालय जो पूरी तरह पारा शिक्षकों के भरोसे है, उन विद्यालयों में पठन-पाठन सबसे अधिक प्रभावित हुआ है.
जिलों को भेजा प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे अभ्यर्थियों के नाम पारा शिक्षकों पर लाठी चार्ज अमानवीय : महासंघ
रांची : झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने पारा शिक्षकों पर पुलिस द्वारा किये गये लाठीचार्ज की निंदा करते हुए अमानवीय बताया है.
महासंघ के अध्यक्ष शिवाकांत झा व प्रांतीय महासचिव राजाराम सिंह ने लाठीचार्ज को शिक्षकों के सम्मान को ठेस पहुंचानेवाला बताया. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे पारा शिक्षकों पर अंधाधुंध लाठी चलायी गयी. इसमें दर्जनों घायल हो गये.
आंदोलनकारियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. यह सरकार लाठी-गोली की सरकार है. यह सरकार समस्या के समाधान के बदले आवाज को दबाने का काम कर रही है. पारा शिक्षकों की हड़ताल को सम्मानजक तरीके से हल नहीं किया गया, तो राज्यकर्मियों को भी आंदोलन में भागीदार बनने के लिए निर्णय लेना पड़ेगा.
गुंडई पर उतर गयी है सरकार : अन्नपूर्णा
रांची : प्रदेश राजद अध्यक्ष व पूर्व मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा है कि राज्य सरकार गुंडई पर उतर गयी है. मुख्यमंत्री ने आंदोलनरत पारा शिक्षकों को लेकर जो बयान दिया है, वह एक तानाशाह शासक का बयान है. ऐसी भाषा किसी लोकतांत्रिक प्रदेश के मुख्यमंत्री की नहीं हो सकती. मुख्यमंत्री का बयान अफसोस जनक है. उन्होंने कहा है कि खुद को मजदूर व आंदोलन से उपजे नेता कहने वाले मुख्यमंत्री को यह भी बताना चाहिए कि क्या अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करना गलत है? उन्होंने पारा शिक्षकों की बर्खास्तगी वापस नहीं लेने पर ईंट से ईंट बजा देने की बात भी कही है.
पारा शिक्षक भी झारखंड के ही युवक हैं, सरकार बनाने में हमारा भी योगदान : संघ
रांची : सेवा स्थायीकरण, वेतनमान की मांग व पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में एकीकृत पारा शिक्षक संघ के तत्वावधान में अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है. संघ के ऋषिकेश पाठक ने मुख्यमंत्री रघुवर दास के बयान की निंदा करते हुए कहा कि पारा शिक्षकों को हटा कर नये शिक्षक बहाल कर उनका भविष्य नहीं बर्बाद करें.
हम सभी का भविष्य तो बर्बाद हो ही गया है. अब इतना कम मानदेय में हम पारा शिक्षकों के परिवार का जीविकोपार्जन नहीं हो सकेगा. आप कहते हैं कि बहुमत की सरकार है, तो इस बहुमत की सरकार बनाने में हम सभी पारा शिक्षकों का भी अहम योगदान रहा है. इसे आप जैसे मजदूर के नेता नहीं भूल सकते हैं. आपको राज्य के 67000 पारा शिक्षकों के परिवार के बारें में सोचना भी पड़ेगा.
डीइओ कार्यालय में नवनियुक्त दो पीजीटी शिक्षकों ने दिया योगदान
रांची : रांची के जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में सोमवार को नवनियुक्त दो पीजीटी शिक्षकों ने अपना योगदान समर्पित किया. प्रभारी डीइअो छठू विजय सिंह ने बताया कि अंग्रेजी शिक्षक इंद्रनील मुखर्जी व कॉमर्स की शिक्षक जयराना परवीन का योगदान स्वीकार कर लिया गया है.

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