रांची: राजधानी की दवा दुकानों से बच्चों के बुखार की सबसे पुरानी दवा कालपोल (सिरप व ड्रॉप) गायब होने लगी है. यह दवा खोजने से भी दुकानों में नहीं मिल रही है. सस्ती एवं प्रचलित होने के कारण इस दवा की मांग ज्यादा है. भारत सरकार द्वारा वर्ष 2013 में आवश्यक दवा की कीमतें घटायी गयी थीं जिनमें कालपोल भी शामिल है. कीमत कम होने से मुनाफा घटा और कंपनियों ने सिरप एवं ड्रॉप का उत्पादन कम कर दिया. इस संबंध में झारखंड ड्रगिस्ट एवं केमिस्ट एसोसिएशन, जेसीडीए के महासचिव अमर सिन्हा ने माना है कि राजधानी की दवा दुकानों से कालपोल सिरप और ड्रॉप की आपूर्ति कम हो रही है.
चिकित्सक लिख रहे हैं कालपोल का विकल्प
राजधानी के चिकित्सक बुखार होने पर कालपोल दवा नहीं लिखकर इसका विकल्प लेने की सलाह दे रहे हैं. चिकित्सक भी मान रहे हैं कि यह दवा बाजार से कम हो गयी है.
एल्ट्रॉक्सीन का मिलना हुआ कम
थायराइड की दवा एल्ट्रॉक्सीन (50 एमजी) भी बाजार में नहीं मिल रही है. थायराइड की दवा खाने वाले मरीज दवा दुकान पर 50 माइक्रो ग्राम की इस दवा को खोज रहे हैं लेकिन दवा उपलब्ध नहीं है. इस दवा का विकल्प लोगों को खरीदना पड़ रहा है. यह दवा तीन महीने से बाजार में नहीं मिल रही है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
कालपोल का सिरप एवं ड्रॉप की सप्लाइ कम है, यह सही है. इसका मुख्य कारण है कि सरकार ने इस दवा की कीमत कम की थी. कंपनी को मुनाफा नहीं हो रहा है, इसलिए इन दवाओं का निर्माण कंपनी ने कम कर दिया है.
अमर सिन्हा, महासचिव, जेसीडीए
सिरप व ड्रॉप कम मिल रहा है. हम कालपोल की जगह अन्य दवाएं मरीजों को लिख रहे है.
डॉ शैलेश चंद्रा, शिशु रोग विशेषज्ञ.