रांची: एचइसी कर्मियों द्वारा 16 मई को वेतन भुगतान की मांग को लेकर कार्य ठप करने और प्रबंधन द्वारा काम नहीं करने पर वेतन काटने का विवाद गहराता जा रहा है. वेतन काटने का एचइसी के चार श्रमिक संगठनों ने विरोध किया है वहीं मान्यता प्राप्त यूनियन ने इसका समर्थन किया है. एचइसी समन्वय समिति, जिसमें तीन यूनियन (हटिया कामगार यूनियन, हटिया मजदूर लोक मंच व विधवा आश्रित संघ) हैं, ने विरोध किया है.
समिति के योगेंद्र सिंह ने कहा कि वेतन भुगतान अधिनियम 1936 के तहत कंपनी को माह की 10 तारीख तक कर्मियों को वेतन भुगतान कर देना है. एचइसी प्रबंधन ने 15 मई तक वेतन भुगतान नहीं किया और न ही भुगतान करने की कोई सूचना दी. इसलिए कर्मियों ने आक्रोशित होकर विरोध किया. प्रबंधन के नोटिस का जवाब कर्मियों ने दे दिया है.
श्री सिंह ने कहा कि प्रबंधन कर्मियों का वेतन काट कर अशांति फैलाना चाहता है, जिसका असर उत्पादन पर पड़ेगा. हटिया मजदूर यूनियन के महामंत्री भवन सिंह ने कहा कि कर्मियों का वेतन काटना गलत है. कर्मियों की मांग जायज है. समय पर वेतन का भुगतान नहीं करना, प्रबंधन की अक्षमता है. उन्होंने सभी कर्मियों से आग्रह किया है प्रबंधन के नोटिस का जवाब नहीं दें.
अगर प्रबंधन वेतन काटता है, तो इसका खामियाजा उसे भुगतना होगा. मान्यता प्राप्त यूनियन सह हटिया प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन के महामंत्री राणा संग्राम सिंह ने कहा कि उत्पादन से ही कंपनी चलती है. काम ठप कर विरोध करना गलत है. कर्मियों को अपनी बात प्रबंधन और यूनियन के समक्ष रखनी चाहिए. जिन लोगों ने काम नहीं किया है, उनका वेतन कटना चाहिए.