रांचीः अपनी डय़ूटी से गैर हाजिर रहनेवाले डॉक्टर राज्य के मुख्य सचिव से भी पावर फुल हैं. मुख्य सचिव के निर्देश पर भी स्वास्थ्य विभाग के तीन डॉक्टर निलंबित नहीं हुए हैं. मुख्य सचिव के निरीक्षण के दौरान डय़ूटी से गायब पायी गयीं डॉ गीता, डॉ अराधना और डॉ निशा एक्का ने सरकार के स्पष्टीकरण का जवाब देने की जरूरत नहीं समझी. स्वास्थ्य विभाग ने निलंबन की कार्यवाही के नाम पर तीनों डॉक्टरों को स्पष्टीकरण का रिमाइंडर (स्मरण पत्र) भेजा है, लेकिन उसका जवाब भी उन्होंने अब तक नहीं दिया है. विभाग के मुताबिक स्पष्टीकरण पूछने के बाद ही निलंबन की कार्यवाही की जायेगी. रिमाइंडर का जवाब नहीं मिलने पर भी उनको निलंबित किया जायेगा, लेकिन कब तक? इस सवाल पर स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारी कोई ठोस जवाब नहीं देते हैं.
क्या है मामला
प्रभारी मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती छह और 25 मई की रात कांके के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में औचक निरीक्षण पर पहुंचे थे. दोनों ही वक्त वहां डॉक्टर नदारद थे. डय़ूटी पर तैनात डॉ गीता और डॉ आराधना गायब थीं. 15 मई को श्री चक्रवर्ती अपने औचक निरीक्षण के क्रम में अड़की पीएचसी गये. वहां भी डय़ूटी पर तैनात डॉक्टर निशा एक्का अनुपस्थित पायी गयीं. मुख्य सचिव ने तीनों को स्पष्टीकरण पूछते हुए निलंबित करने का आदेश दिया था.
क्या है नियम
डॉक्टर राजपत्रित पदाधिकारी होते हैं. उनका निलंबन सीएम की सहमति से ही किया जा सकता है. नियमानुसार, दंडित किये जानेवाले डॉक्टरों से स्वास्थ्य विभाग स्पष्टीकरण पूछेगी. स्पष्टीकरण का जवाब नहीं मिलने या जवाब से असहमत होने पर स्वास्थ्य विभाग उनके निलंबन का प्रस्ताव तैयार करेगा. उस प्रस्ताव पर विभागीय मंत्री का अनुमोदन लेना होगा. उसके बाद मंत्री की सहमति से संबंधित फाइल मुख्यमंत्री की सहमति के लिए भेजी जायेगी. मुख्यमंत्री के सहमति के बाद विभाग उनका निलंबन आदेश जारी करेगा.