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रांची : सात अक्तूबर तक शहर की सफाई व्यवस्था सुधारें, नहीं तो कार्रवाई
उप नगर आयुक्त ने एसेल इंफ्रा के अधिकारियों को दिया िनर्देश निगम द्वारा भुगतान की जानेवाली राशि का 50 प्रतिशत खर्च वाहनों के रखरखाव पर करें रांची : शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर नगर विकास मंत्री के कड़े रुख को देखते हुए उप नगर आयुक्त संजय कुमार ने शनिवार को एसेल इंफ्रा के अधिकारियों […]
उप नगर आयुक्त ने एसेल इंफ्रा के अधिकारियों को दिया िनर्देश
निगम द्वारा भुगतान की जानेवाली राशि का 50 प्रतिशत खर्च वाहनों के रखरखाव पर करें
रांची : शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर नगर विकास मंत्री के कड़े रुख को देखते हुए उप नगर आयुक्त संजय कुमार ने शनिवार को एसेल इंफ्रा के अधिकारियों के साथ बैठक की. नगर आयुक्त ने कहा कि वे कंपनी को सात अक्तूबर तक का समय दे रहे हैं. अगर सात अक्तूबर तक व्यवस्था में सुधार नहीं होता है, तो कंपनी कर कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
बैठक में कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि उसके पास 27 कॉम्पैक्टर और 11 हुक लोडर है. इनमें 10 कॉम्पैक्टर और छह हुक लोडर खराब है. इस पर उप नगर आयुक्त ने कहा कि हर हाल में सभी वाहन सात अक्तूबर तक सड़कों पर उतरने चाहिए. उन्होंने जगन्नाथपुर और जेल रोड स्थित मिनी कचरा स्टेशन को भी सात अक्तूबर तक चालू कराने का निर्देश दिया. उप नगर आयुक्त ने कहा कि पिछले महीने कंपनी को 90 लाख रुपये का भुगतान किया गया था, लेकिन कंपनी ने इस पैसे से खराब वाहनों की मरम्मत नहीं करायी. उन्होंने कहा कि निगम द्वारा भुगतान की जानेवाली राशि का 50 प्रतिशत खर्च वाहनों के रखरखाव पर करें.
बकाया चार करोड़ का निगम करेगा भुगतान : उप नगर आयुक्त ने कहा कि सोमवार तक नगर निगम कंपनी को चार करोड़ रुपये बकाया राशि का भुगतान कर देगा, ताकि कंपनी 20 अक्तूबर तक पूरे 53 वार्डों में सफाई की व्यवस्था संभाल ले. उन्होंने छह नये कॉम्पैक्टर व तीन हुक लोडर खरीदने का भी आदेश दिया, ताकि मोहल्ले से निकलने वाले कचरे को व्यवस्थित करके झिरी भेजा जा सके.
यह है स्थिति : वर्तमान में कंपनी के 305 टाटा एस में 150 खराब है. वहीं 27 कॉम्पैक्टर में सिर्फ 18 ही चल रहे हैं. 13 हुक लोडर में केवल दो या तीन हुक लोडर ही पिछले कई माह से चल रहे हैं.
रांची : नगर निगम के अधिकारियों के निर्देश पर शनिवार को झिरी डंपिंग यार्ड में लगाये गये कांटा में कूड़ा लाने वाले ट्रैक्टरों का वजन किया गया. इसमें पाया गया कि किसी ट्रैक्टर में मात्र 500 किलो कूड़ा है, तो किसी में 300 किलो. कई ट्रैक्टरों में तो केवल 100 किलो कूड़ा था. जबकि लगभग 1500 किलो वजन होना चाहिए. इधर, वजन किये जाने के कारण कांटा घर के समीप वाहनों की लंबी कतार लग गयी.
इस कारण चालकों ने हंगामा शुरू कर दिया. चालकों का आरोप था कि पत्ता व प्लास्टिक में अधिक वजन नहीं होता है. वजन के चक्कर में हमारा काफी समय बर्बाद हो गया. ऐसे में हम दूसरे ट्रिप का कूड़ा नहीं उठा सकते हैं. इस पर सिटी मैनेजर ने साफ कह दिया कि जो भी ट्रैक्टर दो ट्रिप कूड़ा नहीं उठायेगा, उसके बिल में कटौती की जायेगी. इसके बाद चालक शांत हुए.
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