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झारखंड कैबिनेट का फैसला, दो वर्ष में अधिकतम 10 फीसदी तक बढ़ेगी जमीन की कीमत

रांची : कैबिनेट ने राज्य में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में जमीन का मूल्य दो वर्ष में निर्धारित करने का फैसला किया, साथ ही वृद्धि की अधिकतम सीमा 10 फीसदी तय की . इसके लिए नियमावली में आवश्यक संशोधन किया गया है. राज्य में पहले शहरी क्षेत्र में प्रति वर्ष जमीन का मूल्य निर्धारित करने […]

रांची : कैबिनेट ने राज्य में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में जमीन का मूल्य दो वर्ष में निर्धारित करने का फैसला किया, साथ ही वृद्धि की अधिकतम सीमा 10 फीसदी तय की . इसके लिए नियमावली में आवश्यक संशोधन किया गया है.
राज्य में पहले शहरी क्षेत्र में प्रति वर्ष जमीन का मूल्य निर्धारित करने का प्रावधान था, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक दो वर्ष में मूल्य निर्धारित किया जाता था. शहरी क्षेत्र में न्यूनतम दस फीसदी व ग्रामीण क्षेत्र में न्यूनतम पांच फीसदी बढ़ोतरी का प्रावधान था. नियमावली में अधिकतम वृद्धि की सीमा तय नहीं होने के कारण गत पांच वर्ष में शहरी क्षेत्र के जमीन के मूल्य में न्यूनतम 50% की बढ़ोतरी हो गयी थी.
अधिकतम वृद्धि की सीमा तय : चेंबर ऑफ कॉमर्स, बिल्डर एसोशिएशन सहित अन्य संगठनों ने सरकार से अनुरोध किया था कि इस मूल्य वृद्धि से आवासीय भूमि व फ्लैट की बिक्री में कमी आयी है. आकड़ों के अनुसार 2014-15 में 1.65 लाख दस्तावेज निबंधित हुए थे.
जबकि 2017-18 में यह घटकर 1.01 लाख हो गया. इस बात के मद्देनजर कैबिनेट ने बिहार स्टांप नियमावली 1995 झारखंड मुद्रांक नियमावली 2012 में संशोधन करते हुए शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्र में दो वर्ष के अंतराल पर जमीन की कीमत निर्धारित करने का निर्णय लिया, साथ ही अधिकतम वृद्धि की सीमा दस फीसदी निर्धारित की.
मूल्य निर्धारण कार्य डीसी की अध्यक्षता में बनी कमेटी करेगी : यदि किसी क्षेत्र में जमीन का निबंधन 20 फीसदी अधिक मूल्य में हुआ हो तो उस क्षेत्र में अधिकतम वृद्धि 20 फीसदी तक हो सकेगी. इस वृद्धि में आपत्ति होने की स्थिति में उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित कमेटी इसकी समीक्षा कर इसे कम भी कर सकेगी. मूल्य निर्धारण कार्य सभी जिलों में उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा की जायेगी.
शैक्षणिक, स्वास्थ्य सेवा के लिए संस्था खोलने पर रियायती दर पर जमीन : कैबिनेट से चैरिटेबल एवं धार्मिक संस्थाओं को शैक्षणिक एवं स्वास्थ्य सेवा के लिए संस्था खोलने के लिए रियायती दर पर जमीन देने का फैसला किया है. राज्य के पिछड़े प्रखंड व सुदूरवर्ती क्षेत्रों में स्कूल व स्वास्थ्य से संबंधित संस्था खोलने वाली चैरिटेबल संस्था को दी जानेवाली जमीन पर सर्किल रेट के मुकाबले 75 फीसदी छूट दी जायेगी.
प्रचलित बाजार मूल्य का 25 फीसदी एक मुश्त सलामी के रूप में ली जायेगी. इसके अलावा इन संस्थाओं सलामी की राशि पांच आसान वार्षिक किस्तों में भुगतान की अनुमति दी जा सकेगी, पर ऐसी परिस्थिति में 12 फीसदी ब्याज की वसूली होगी. ऐसी संस्थाओं को जमीन 30 वर्षों की लीज बंदोबस्ती की स्थिति में एक रुपये की टोकन राशि पर नवीकरण किया जा सकेगा.

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