रांचीः पशुपालन मंत्री मन्नान मल्लिक ने कहा कि राज्य में डेयरी सिटी बनायी जानी चाहिए. हर जिले में एक स्थान होना चाहिए, जहां पशुपालकों के साथ-साथ पशुओं को भी रखा जाये. वहीं जानवर के लिए हर तरह की सुविधा रहे. इससे राज्य में दूध की कमी दूर की जा सकेगी. यहां संसाधन की कमी नहीं है. आज ऐसे-ऐसे स्थान पर पशुपालन हो रहा है कि सचिव और निदेशक जाना नहीं चाहते हैं. हमें राज्य को आत्मनिर्भर करने के लिए प्रयास करने की जरूरत है.
श्री मल्लिक रविवार को गव्य विकास विभाग द्वारा वल्र्ड मिल्क डे पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार को संबोधित कर रहे थे. कांके रोड स्थित होली डे होम में आयोजित सेमिनार का उद्घाटन करते हुए पशुपालन मंत्री मन्नान मल्लिक ने किया.
काफी पीछे हैं हम
विभाग के अपर मुख्य सचिव आदित्य स्वरूप ने कहा कि झारखंड श्वेत क्रांति से बहुत लाभांवित नहीं हो सका है. आज भी राज्य की 80 फीसदी आबादी कृषि और उससे जुड़े काम पर निर्भर है. देश में प्रति व्यक्ति खपत 290 ग्राम प्रतिदिन है, हमारे यहां 170 ग्राम प्रतिदिन है. जरूरत का करीब-करीब आधा दूध ही हम उत्पादित कर पा रहे हैं. राज्य में हरे चारे की कमी है. इस कारण उत्पादन प्रभावित है.
दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में कई चुनौतियां
आइसीएआर के एडीजी (प्रसार) वी वेंकट सुब्रrायम ने कहा कि दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में कई चुनौतियां हैं. इन चुनौतियों से निपटने के लिए कई क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन करना होगा. कृषि के क्षेत्र में नयी-नयी खोज को बढ़ाना होगा. अधिकारियों को सभी मामलों में स्पष्टवादी रहना होगा. यह आज भी करोड़ों लोगों की जीविका का साधन है. इससे पूर्व अतिथियों का स्वागत गव्य निदेशक डॉ आलोक कुमार पांडेय ने किया. कार्यक्रम का संचालन तथा धन्यवाद ज्ञापन सहायक निदेशक मुकुल प्रसाद ने किया. इस मौके पर पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ एजी बंदोपाध्याय, मत्स्य विभाग के निदेशक राजीव कुमार भी मौजूद थे.