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नर्सों के स्पष्टीकरण की हो रही समीक्षा

बर्खास्त भी की जा सकती हैं हड़ताली नर्सों की दोनों नेता रांची : रिम्स जूनियर नर्सेस संघ की अध्यक्ष रामरेखा और सचिव आइवी रानी खलखो को रिम्स प्रबंधन बर्खास्त कर सकता है. सरकार और रिम्स प्रबंधन का भी मानना है कि नर्सों ने अनुशासन का उल्लंघन किया है, जिससे मरीज व समाज में रिम्स की […]

बर्खास्त भी की जा सकती हैं हड़ताली नर्सों की दोनों नेता
रांची : रिम्स जूनियर नर्सेस संघ की अध्यक्ष रामरेखा और सचिव आइवी रानी खलखो को रिम्स प्रबंधन बर्खास्त कर सकता है. सरकार और रिम्स प्रबंधन का भी मानना है कि नर्सों ने अनुशासन का उल्लंघन किया है, जिससे मरीज व समाज में रिम्स की छवि खराब हुई है. सरकार के अादेश पर रिम्स प्रबंधन ने संघ के दोनों पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा था, जिसका जवाब प्रबंधन को मिल गया है. रिम्स निदेशक ने हड़ताल की घटना की पूरी फाइल अपर निदेशक हर्ष मंगला व डिप्टी डायरेक्टर गिरिजा शंकर प्रसाद के पास भेजी है. समीक्षा कर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी दी गयी है.
सूत्रों की मानें, तो नर्सों पर वेतन वृद्धि पर रोक, चेतावनी देकर छोड़ने, विभागीय कार्रवाई करने, निलंबन व बर्खास्तगी तक की कार्रवाई हो सकती है.
यह कार्रवाई प्रबंधन द्वारा मांगे गये स्पष्टीकरण के बिंदुओं पर संघ के पदाधिकारियों द्वारा दिये गये जवाब को आधार बनाकर की जायेगी. गौरतलब है कि रिम्स नर्सेस संघ के बैनर तले दो व तीन जून का रिम्स में हड़ताल की गयी थी. हड़ताल के कारण रिम्स की चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गयी थी. हड़ताल को समाप्त कराने के लिए कोर्ट को भी निर्देश देना पड़ा था. इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी के अलावा मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी को अाना पड़ा था.
जूनियर डॉक्टर भी थे शामिल उनपर कार्रवाई क्यों नहीं : जूनियर नर्सेस संघ ने दो व तीन जून को हड़ताल में जूनियर डाॅक्टरों के शामिल होने के बावजूद उनसे स्पष्टीकरण नहीं मांगने पर कार्रवाई नहीं करने पर सवाल उठाया है. संघ की अध्यक्ष ने अपने स्पष्टीकरण में पूछा है कि आखिर जूनियर डॉक्टरों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है?
नर्सों ने यह दिया है जवाब
– हड़ताल से पूर्व मेट्रॉन के माध्यम से प्रबंधन को हड़ताल पर जाने की सूचना दी गयी थी – विधि व्यवस्था की समस्या क्यों हुई, इसके लिए रिम्स प्रबंधन को समझना चाहिए – इमरजेंसी में नर्सों द्वारा सेवा को नहीं रोका गया – नर्सेस संघ द्वारा सिर्फ विरोध प्रदर्शन किया गया था, चाहे वह वार्ड हो या इमरजेंसी
– रिम्स प्रबंधन पहल करता, तो एेसी नौबत ही नहीं आती – वार्ड में जूनियर नर्स व अन्य नर्सों को इलाज से नहीं रोका गया – समझौता होते समय दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने पर सहमति बनी थी, ऐसे में यह प्रक्रिया क्यों हो रही है? – हमारे ऊपर लगाये गये सभी आरोप निराधार हैं.

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