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मुखिया संघ के प्रदेश संयोजक ने किया आत्मदाह का प्रयास, प्रशासन ने बचाया
रांची : मुखिया संघ के आमरण अनशन के चौथे दिन प्रदेश संयोजक विकास कुमार महतो ने आत्मदाह का प्रयास किया. जैसे ही दिन के चार बजे अपने शरीर पर केरोसिन डाल कर आग लगाने का प्रयास किया, तभी प्रशासन ने गिरफ्तार कर लिया. हालांकि, प्रशासन को इसके लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. क्योंकि उनके साथियों […]
रांची : मुखिया संघ के आमरण अनशन के चौथे दिन प्रदेश संयोजक विकास कुमार महतो ने आत्मदाह का प्रयास किया. जैसे ही दिन के चार बजे अपने शरीर पर केरोसिन डाल कर आग लगाने का प्रयास किया, तभी प्रशासन ने गिरफ्तार कर लिया. हालांकि, प्रशासन को इसके लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. क्योंकि उनके साथियों ने उन्हें चारों अोर से घेर लिया था.
स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने लाठीचार्ज किया और श्री महतो सहित अन्य को गिरफ्तार कर बस में बैठा दिया गया. अपने साथी को गिरफ्तार होता देख सभी मुखिया ने भी गिरफ्तारी दी. इसके बाद सभी को कैंप जेल ले जाया गया. वहीं प्रशासन ने घटना स्थल से कागजात, गैलन सहित अन्य सामान बरामद कर लिया.
हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचा था : आमरण अनशन पर बैठे सभी मुखिया ने दिन के तीन बजे से ही तैयारी शुरू कर दी थी. कहा कि सरकार मांगों को नहीं मान रही है. ऐसे में हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचा है.
कहा कि चार दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हैं, लेकिन एक बार भी सरकार का कोई प्रतिनिधि मिलने नहीं आया अौर न ही किसी डॉक्टर को भेजा गया. सभी का बुरा हाल हो गया है. इसलिए यह कदम उठाया गया. हालांकि बाद में मुखिया संघ के समर्थन में मांडू विधायक जयप्रकाश भाई पटेल अनशन स्थल पर आये अौर कहा कि सरकार उनके साथ है.
प्रशासन ने की थी पूरी तैयारी : दूसरी तरफ प्रशासन ने आत्मदाह को रोकने के लिए तैयारी पूरी कर ली थी. स्थिति को देखते हुए काफी संख्या में पुरुष व महिला पुलिस फोर्स के अलावा पुलिस पदाधिकारी व दंडाधिकारी की तैनाती की गयी थी. इसके अलावा पानी की बौछार करनेवाले गाड़ी से लेकर अन्य व्यवस्था भी थी. मुखिया संघ की ओर से आत्मदाह की तैयारी शुरू होते ही प्रशासन ने रस्सी से उक्त स्थल को घेर लिया था.
क्या है पंद्रह सूत्री मांगें
मुखिया व पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि करते हुए टीए व डीए का भुगतान करने, बीमा सुनिश्चित करने, पंचायत के सभी कर्मियों की उपस्थिति बायोमेट्रिक द्वारा पंचायत सचिवालय में सुनिश्चित करने सहित अन्य मांगें शामिल है.
मुखिया संघ का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मान ली जाती हैं तब तक धरना जारी रहेगा. अनशन में राजकुमार भगत, शमीम, गौरी शंकर, सुरेंद्र सोरेन, ललिता कश्यप, विनीता धान, पूनम बारला, लक्ष्मी देवी सहित काफी संख्या में महिला मुखिया शामिल थीं.
रांची : राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने कहा कि स्टेट बैंक के विलय से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी़ उन्होंने कहा कि बदलते वक्त के साथ बैंकिंग क्षेत्र की जरूरतें और चुनौतियां बदली हैं. बदले परिदृश्य में स्टेट बैंक का विलय एक सकारात्मक फैसला साबित होगा़
सांसद ने स्टेट बैंक के निजीकरण से संबंधित अफवाहों को सिरे से खारिज किया़ वह राज्यसभा में स्टेट बैंक (निरसन और संशोधन) विधेयक 2017 पर चर्चा के क्रम में सरकार के पक्ष में बोल रहे थे़
बैंकों के विलय का यह पहला मामला नहीं : उन्होंने कहा कि बैंकों के विलय का यह पहला मामला नहीं है़ अंग्रेजी शासन के समय 1927 में प्रेसीडेंसी बैंक ऑफ कोलकाता, मद्रास और बॉम्बे का विलय कर इम्पीरियल बैंक का गठन किया गया था़ आजादी के बाद यह परंपरा दिनों दिन मजबूत हुई है़ कंसोलिडेशन और बैंकों की ताकत बढ़ाने के लिए दुनिया भर में प्रयास हो रहे हैं.
श्री पोद्दार ने कहा कि स्टेट बैंक विलय के बाद कमजोर नहीं होगा और जमाकर्ताओं के पैसे भी सुरक्षित हैं. पूरे विश्व में बैंकिंग क्षेत्र में कुछ नयी जरूरतें महसूस की जा रही हैं. आइटी, टेलीकम्यूनिकेशन के बहुत सारे नये-नये आयाम खुल रहे हैं. बैंकिंग से अपेक्षा बढ़ रही है, तरीका बदल रहा है़ बैंकिंग सेक्टर के रिस्क मैनेजमेंट की जरूरतें भी अब बदल रही हैं. श्री पोद्दार ने कहा कि ज्यादातर देशों में चार-पांच बड़े बैंक हैं, जबकि हमारे यहां 27 पब्लिक सेक्टर के बैक हैं, बहुत सारे निजी बैंक भी हैं. ऐसे में स्टेट बैंक का विलय वक्त की मांग है़
अनुषंगी बैंकों के साथ स्टेट बैंक की पहुंच देश के कोने-कोने तक है़ विलय के बाद करीब 37 लाख करोड़ की परिसंपत्ति के साथ यह दुनिया के टॉप 50 बैंक में शामिल हो जायेगा़ ग्राहकों की संख्या तो बढ़ेगी ही, कर्मचारियों की संख्या दो लाख 70 हजार हो जायेगी़
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