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रांची : हर प्रमंडल में दिव्यांगों के लिए खोले जायेंगे आदर्श विद्यालय : रघुवर दास
मुख्यमंत्री ने निःशक्तता आयुक्त के कार्यों की समीक्षा के बाद दिया निर्देश आयोग हेल्पलाइन शुरू कर अल्पसंख्यकों की समस्याएं सुने और निराकरण करे रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि दिव्यांगों के शिक्षण एवं कौशल विकास के लिए सभी प्रमंडल मुख्यालयाें में आदर्श विद्यालय बनाये जायेंगे. यहां संपूर्ण विकास और रोजगार के लिए तैयार […]
मुख्यमंत्री ने निःशक्तता आयुक्त के कार्यों की समीक्षा के बाद दिया निर्देश
आयोग हेल्पलाइन शुरू कर अल्पसंख्यकों की समस्याएं सुने और निराकरण करे
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि दिव्यांगों के शिक्षण एवं कौशल विकास के लिए सभी प्रमंडल मुख्यालयाें में आदर्श विद्यालय बनाये जायेंगे. यहां संपूर्ण विकास और रोजगार के लिए तैयार किया जायेगा.
इसके साथ ही जो हाथ-पैर से पूर्णतः दिव्यांग हो जाते हैं, उनके लिए कृत्रिम हाथ-पांव बनाने का बड़ा केंद्र रांची में खोला जायेगा. कृत्रिम हाथ-पैर के साथ दिव्यांगों का कौशल विकास कर उन्हें रोजगार से जोड़ा जायेगा. श्री दास ने यह बातें मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन में राज्य निःशक्तता आयुक्त के कार्यों की समीक्षा के दौरान कही.
उन्होंने कहा कि यह कार्य उनके हृदय को छू जाता है. बहुत दिनों से राजस्थान के जयपुर की तरह या उससे भी बड़ा केंद्र झारखंड में हो, यह उनकी दिली इच्छा रही है. हमें जीवन में कुछ कार्य कर्तव्य से ऊपर उठ कर करना चाहिए, जिससे हृदय को शांति मिले. मुख्यमंत्री ने कहा कि विक्षिप्त महिला और पुरुष के लिए रिनपास में शेल्टर होम बनाया जाये. असामाजिक तत्व उनका भी शोषण करने से नहीं चूकते हैं. हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनका ख्याल रखें और उन्हें आश्रय गृह प्रदान करें.
बिना गारंटी 50 हजार तक लोन देने की हो पहल
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रोजेक्ट भवन व नेपाल हाउस में किसी भी दिव्यांग अथवा अत्यंत वृद्ध जनों के आने पर द्वार से एक हेल्पर के साथ व्हील चेयर पर लाया जाये.
साथ ही उनका कार्य पूरा होने पर हेल्पर उन्हें सम्मान के साथ मुख्य द्वार तक ले जाये. दिव्यांगों को सुगमता से 50 हजार रुपये तक का ऋण बिना किसी गारंटी के प्राप्त हो सके इस दिशा में भी पहल करने का निर्देश मुख्यमंत्री ने दिया. उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद के नाम पर दिव्यांगजन विकास सोसाइटी बनायी जायेगी.
अल्पसंख्यक आयोग को देश का मॉडल बनायें
झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग पूरे देश में मॉडल बने. आयोग राज्य के अल्पसंख्यकों के जीवन में बदलाव लाने में सक्रिय योगदान दे.
जिलों में बैठक कर हुनरमंद बच्चों की सूची तैयार करें. सरकार उन बच्चों का स्किल डेवलेपमेंट करायेगी, जिससे इन बच्चों को और अच्छी आय हो सकेगी. इनकी मांग देश-विदेश में होगी. उन्होंने कहा कि मदरसों में आज के जमाने की जरूरत के अनुसार शिक्षा देने के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्पित है.
आयोग के सदस्यों के द्वारा सुझाव पर मंजूरी देते हुए श्री दास ने कहा कि मदरसों से भी इंजीनियर-डॉक्टर निकलें. इसके लिए यहां कंप्यूटर, गणित, साइंस आदि की पढ़ाई शुरू कराने के लिए आयोग टीम बनाकर शोध करे और सुझाव दे. सरकार पूरी मदद करेगी.
सदस्यों के सुझाव पर आलिम और फाजिल को विश्वविद्यालय के साथ जोड़ने के लिए शिक्षा विभाग के साथ बैठक करने का निर्देश अधिकारियों को दिया. आठवीं तक मातृभाषा की पढ़ाई जरूरी करने के सुझाव पर शिक्षा विभाग को मामला भेजने का निर्देश देते हुए कहा कि यह अच्छा कदम होगा.
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