रांची: पुरानी तकनीक एचइसी के कार्यो में सबसे बड़ी बाधा साबित हो रही है. खासकर स्टील और कोयला क्षेत्र में. एचइसी प्रबंधन ने बाजार में बने रहने के लिए नयी तकनीक और प्लांटों के आधुनिकीकरण का प्रस्ताव तैयार किया है.
निगम के अधिकारी ने बताया कि प्रस्ताव 760 करोड़ रुपये का है, जिसे भारी उद्योग मंत्रलय भेजा गया है. भारत सरकार से राशि मिलने के बाद प्लांटों का आधुनिकीकरण और मशीन का नवीनीकरण किया जायेगा.
उल्लेखनीय है कि एचइसी में लगी मशीन लगभग 45 वर्ष पुरानी हो गयी है. इस कारण उनकी क्षमता महज 40 प्रतिशत ही रह गयी है. वहीं ईंधन की खपत भी अधिक होती है. इसका असर लाभ पर पड़ता है. फर्नेस की स्थिति भी खराब है. अधिकारी बताते हैं कि बाजार में उन्नत किस्म के फर्नेस उपलब्ध हैं, जो कार्य फर्नेस में सात से आठ घंटे में होते हैं, वही कार्य नयी तकनीक से महज एक घंटा में हो जाता है. नयी तकनीक के आने से एचइसी का उत्पादन 20 से 30 प्रतिशत बढ़ जायेगा.
एचइसी ने चालू वित्तीय वर्ष में 1001 करोड़ रुपये का उत्पादन लक्ष्य तथा लाभ 40.71 करोड़ रुपये निर्धारित किया है. अधिकारी बताते हैं कि अगर चालू वित्तीय में भारत सरकार से मदद नहीं मिली, तो उत्पादन लक्ष्य प्राप्त करना मुश्किल होगा.