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बिन गुरु पूरे नहीं उद्धार बाबा नानक आखै एहो विचार…

भाई ओंकार सिंह एवं साथियों को सिरोपा देकर सम्मानित किया गया रांची : गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा कृष्णा नगर कॉलोनी में रविवार को श्री गुरु अर्जुन देव जी महाराज का शहीदी गुरु पर्व मनाया गया. इस अवसर पर दिन के साढ़े दस बजे विशेष दीवान सजाया गया. सिख पंथ के महान रागी जत्था […]

भाई ओंकार सिंह एवं साथियों को सिरोपा देकर सम्मानित किया गया
रांची : गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा कृष्णा नगर कॉलोनी में रविवार को श्री गुरु अर्जुन देव जी महाराज का शहीदी गुरु पर्व मनाया गया. इस अवसर पर दिन के साढ़े दस बजे विशेष दीवान सजाया गया.
सिख पंथ के महान रागी जत्था भाई ओंकार सिंह जी ऊना वाले ने बिन गुरु पूरे नहीं उद्धार बाबा नानक आखै एहो विचार… तथा नानक गुरमुख मिल रहे फिर विछोड़ा कदे ना होवे… एवं रहम तेरी सुख पाया सदा नानक की अरदास… सहित कई शबद गायन कर श्रद्धालुओं को भक्ति रस में डूबो दिया. उन्होंने लगातार दो घंटे तक शबद गायन किया.
स्त्री सत्संग सभा की शीतल मुंजाल द्वारा जो मांगे ठाकुर अपने ते सोई सोई देवै…व तू प्रभ दाता दान मत पूरा हम थारे भिखारी जिओ… शबद गायन से हुई. इसके बाद स्थानीय रागी जत्था भाई भरपूर सिंह जी एवं साथियों ने नानक तिस जन को सदा नमस्कार… एवं सतगुरु की सेवा सफल है…
शबद गायन कर साध संगत को गुरवाणी से जोड़ा. मुख्य ग्रंथी ज्ञानी जिवेंदर सिंह जी ने कथावाचन कर साध संगत को गुर इतिहास से रूबरू कराया. उन्होंने गुरु अर्जुन देव जी महाराज की महिमा का बखान करते हुए उन्हें शहीदों का सरताज एवं शांति का पुंज बताया.
देहरादून से पधारे कथावाचक ज्ञानी बलविंदर सिंह जी ने कथा द्वारा साध संगत को बताया कि गुरु अर्जुन देव जी की शहादत की तुलना किसी अन्य से नहीं की जा सकती, इसलिए उन्हें शहीदों का सरताज कहा गया है. श्री आनंद साहिब जी के पाठ, अरदास, हुक्मनामा एवं कढ़ाह प्रसाद वितरण के साथ दीवान की समाप्ति 3.45 बजे हुई. इसी के साथ दो दिवसीय समागम का समापन हो गया.
स्टेज संचालन गुरु घर के सेवक मनीष मिढ़ा ने किया. सत्संग सभा के अध्यक्ष हरविंदर सिंह बेदी ने गुरु घर की परंपरा के अनुसार भाई ओंकार सिंह एवं साथियों को सिरोपा देकर सम्मानित किया. गुरुद्वारा साहिब की नयी सवारी साहिब की निःशुल्क रिनोवेशन सेवा के लिए जमशेदपुर के सिख सेवक हरमिंदर सिंह को भी सिरोपा देकर नवाजा गया. वहीं, समूह साध संगत के प्रति भी आभार प्रकट किया गया.
इसी तरह हर गुरु पर्व में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने एवं गुरु घर की खुशियां प्राप्त करने को कहा गया. दीवान समाप्ति के बाद गुरु का अटूट लंगर चलाया गया एवं सभा द्वारा छबील लगा कर श्रद्धालुओं के लिए शरबत की सेवा की गयी.
लंगर की सेवा में अशोक गेरा, अर्जुन दास मिढ़ा, सुरेश मिढ़ा, अनूप गिरधर, विनोद सुखीजा, हरीश मिढ़ा, राजकुमार डावरा, नानक चंद अरोड़ा, मोहन काठपाल, लक्ष्मण सरदाना व जोड़े की सेवा में बसंत काठपाल, भगत सिंह मिढ़ा, प्रेम मिड्ढा, पुरुषोत्तम सरदाना, लक्ष्मण अरोड़ा, गुंजन पपनेजा, उर्वशी मिढ़ा की सक्रिय भूमिका के अलावा गुरु नानक भवन कमेटी एवं गुरु नानक बाल मंदिर स्कूल कमेटी के सदस्यों का योगदान रहा.
दीवान में सत्संग सभा के जयराम दास मिढ़ा, द्वारका दास मुंजाल, सुंदर दास मिढ़ा, महेश सुखीजा, चरणजीत मुंजाल, दीवान चंद मिढ़ा, अमरजीत गिरधर, मोहनलाल अरोड़ा, नरेश पपनेजा, दीनदयाल काठपालिया, रमेश गिरधर, नीरज गखड़, जितेंद्र मुंजाल सहित अन्य साध-संगत उपस्थित थे.

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