साइड इफेक्ट. नगड़ी व इटकी में उपद्रवियों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की थी
रांची : पिछले कुछ दिनों से नगड़ी व इटकी में दो गुटों में व्याप्त तनाव का सबसे ज्यादा असर क्षेत्र के किसानों पर पड़ा है. बाजार नहीं मिलने से किसानों को उनके उत्पाद का वाजिब मूल्य नहीं मिल पा रहा है. औने-पौने दामों में सब्जियां बेचनी पड़ रही हैं. इससे उन्हें काफी नुकसान हो रहा है. कई किसान तो अपने खेत में ही व्यापारी को कम कीमत पर सब्जियां बेच दे रहे हैं. इटकी में शनिवार को लगने वाला साप्ताहिक हाट नहीं लगा. इस कारण क्षेत्र के किसानों को सब्जियां बेचने दूसरे हाट में जाना पड़ा. कमोबेश यही स्थिति नगड़ी के किसानों की भी है. उन्हें भी बाजार नहीं मिलने से कमी कीमत पर सब्जियां बेचनी पड़ रही हैं.
इटकी
क्षेत्र की अधिकांश दुकानें बंद रहीं
इटकी में गुरुवार की रात हुई घटना को लेकर शनिवार को भी अधिकांश दुकानें बंद रहीं. शनिवार को लगने वाला साप्ताहिक हाट भी नहीं लगा. बंद समर्थकों का कहना है कि गुरुवार की रात एक वर्ग विशेष के उन्मादी युवकों द्वारा बनिया टोली व कोइरी टोला में बिना वजह हो हंगामा किया गया और आधा दर्जन दुकानों के शटर के अलावा दो टेंपो को क्षतिग्रस्त किया गया. प्रशासन ऐसे लोगों को चिह्नित कर उन्हें गिरफ्तार करे. इधर, बंदी व ईद को लेकर शनिवार को भी क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बलों की तैनाती की गयी थी. डीएसपी संजय कुमार और बीडीओ सुरेंद्र उरांव बाजार में कैंप करते रहे.
भय के कारण नहीं
खोल रहे प्रतिष्ठान
नगड़ी में प्रशासन की सक्रियता से स्थिति अब सामान्य है. हालांकि शनिवार को कुछ दुकानें ही खुलीं. अधिकांश दुकान व प्रतिष्ठान बंद रहे. व्यवसायियों व लोगों में यह भय व्याप्त है कि उपद्रव मामले में पुलिस कब किसको कहां से उठा कर ले जायेगी. इस कारण व्यापारी दुकानें नहीं खोल रहे हैं. चूंकि पुलिस ने कुछ नामजद के साथ-साथ दोनों पक्षों से कई अज्ञात के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है. इसके चलते ही लोग अपने प्रतिष्ठान नहीं खोल रहे हैं. दुकानें नहीं खुलने से आम लोग अपनी जरूरत के सामान नहीं खरीद पा रहे हैं. इस कारण लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. सबसे ज्यादा परेशानी दिहाड़ी मजदूरों को हो रही है. दुकानें नहीं खुलने से ये चार दिनों से घर में बैठे हैं. ऐसे में इनके समक्ष आर्थिक समस्या उत्पन्न हो गयी है.
सब्जी हाट नहीं पहुंचे व्यापारी
इटकी : पिछले कुछ दिनों से इटकी व नगड़ी में व्याप्त तनाव का सबसे ज्यादा असर क्षेत्र के किसानों पर पड़ा है. सब्जी हाट में व्यापारियों के नहीं आने के कारण क्षेत्र के किसानों को अपनी सब्जी बेचने के लिए दूसरे हाट में जाना पड़ रहा है. कई किसान अपनी सब्जियां औने-पौने दामों में खेत में ही बेच दे रहे हैं.