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सेल की विस्तार योजना में खर्च होंगे तीन लाख करोड़

सेल ने 2030 तक 50 मिलियन टन इस्पात उत्पादन का लक्ष्य रखा है रांची : सेल के निदेशक परियोजना डॉ जी विश्वकर्मा ने कहा कि सेल ने अपने आधुनिकीकरण की पहली यात्रा पूरी कर ली है. दूसरी विस्तार योजना के लिए काम शुरू किया जायेगा. जिसमें निवेश लगभग तीन लाख करोड़ रुपयों का है. परियोजना […]

सेल ने 2030 तक 50 मिलियन टन इस्पात उत्पादन का लक्ष्य रखा है

रांची : सेल के निदेशक परियोजना डॉ जी विश्वकर्मा ने कहा कि सेल ने अपने आधुनिकीकरण की पहली यात्रा पूरी कर ली है. दूसरी विस्तार योजना के लिए काम शुरू किया जायेगा. जिसमें निवेश लगभग तीन लाख करोड़ रुपयों का है. परियोजना प्रबंधन के सही तकनीकों को अपना कर सही समय में गुणवत्तापूर्ण कार्यान्वयन से ही हम इस निवेश का समुचित सदुपयोग कर सकते हैं. उक्त बातें उन्होंने शनिवार को एमटीआइ में परियोजना प्रबंधन पर आयोजित सम्मेलन में कही.
उन्होंने कहा कि सेल ने 2030 तक 50 मिलियन टन इस्पात उत्पादन का लक्ष्य रखा है. वहीं इसी अवधि में देश में इस्पात उत्पादन का लक्ष्य 300 मिलियन टन रखा गया है. राउरकेला स्टील प्लांट में निर्माणाधीन 3000 करोड़ रुपये की लागत वाली हॉट स्ट्रिप का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यह सफल परियोजना प्रबंधन की अद्वितीय मिसाल है क्योंकि इतने वृहत आधुनिकीकरण का समापन हम समय पर कर रहे हैं. जिससे सेल को पूरा लाभ मिलेगा. उन्होंने एनएमडीसी नागरनार प्लांट और भिलाई यूनिवर्सल रेल मिल में कई सफल प्रयासों का उदाहरण दिया.
देरी से बढ़ जाती है लागत : मेकन के सीएमडी अतुल भट्ट ने कहा कि किसी भी परियोजना में विलंब होने से उसकी लागत बढ़ जाती है. इससे कंपनी को विलंब शुल्क देने पड़ता है और फायदा नुकसान में बदल जाता है. उन्होंने समय पर कार्य करने के लिए कर्मियों को उत्साहित करने, साप्ताहिक व मासिक बैठक कर कार्य की प्रगति के बारे में चर्चा करने की बात कही. पीएमआइ के प्रबंध निदेशक राज कलाडी ने कहा कि परियोजना प्रबंधन के प्रदर्शन और बारीकियां पूरी तरह से वैज्ञानिक हैं. समय आ गया है कि उद्योग जगत इन पद्धतियों को पूरी तरह से आत्मसात कर ले. नीति आयोग के टास्क फोर्स के सदस्य के रूप में उन्होंने प्रशिक्षित और प्रमाणित परियोजना प्रबंधकों की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि स्कूलों एवं कॉलेजों में
परियोजना प्रबंधन को पढ़ाया नहीं जाता है. परियोजना के सफल कार्यान्वयन के लिए सभी हितधारकों के सुर एक होने चाहिए. सेल निदेशक कार्मिक अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि स्टील उद्योग जो कई वर्षों से मंदी में था, अब इसके सुखद संकेत दिख रहे हैं. परियोजना प्रबंधन कौशल के कार्यान्वयन का यही सही समय है. इडी सेल काजल दास ने कहा कि 2030 तक भारत को 300 एमटी स्तर पर लाने में परियोजना प्रबंधन की भूमिका अहम है. इसके लिए संपूर्ण सक्रिंनाइज़ेशन आवश्यक है. जैसे क्लाइंट, सलाहकार और कांट्रैक्टर. सम्मेलन में विभिन्न कंपनियों के 93 प्रतिनिधियों ने भाग लिया. स्वागत भाषण सेल के जीएम एचआरडी डॉ एएन दास ने दिया.

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