रांची : नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि नगर निकायों की प्राथमिकता टैक्स वसूलने से ज्यादा कचरा उठाने की होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि नगर निकायों को भी यूजर चार्ज लेने का हक तब तक नहीं है, जब तक कि वे हर दिन कचरा का उठाव नहीं करते हैं.
शहरों में सड़कों पर बिल्डिंग मटेरियल का पड़ा होना एक बड़ी समस्या है. इस समस्या से निबटने के लिए लोगों को समझाया जाये. नगर निकाय भी इस मेटेरियल को हटाने के लिए कुछ विशेष टीम का गठन कर कर्मियों को प्रतिनियुक्त करें.
उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न मदों में निकायों द्वारा वसूले जाने वाले टैक्स के लिए निबंधित कंपनियों को कमीशन तब ही मिले जब उनके कर्मचारी लोगों के घरों में जाकर टैक्स वसूलते हैं.
अगर लोग बैंक, नगर निकायों के काउंटर पर पहुंच कर पैसा देते हैं तो उस राशि से कंपनी को कमीशन नहीं जाना चाहिए. मंत्री ने कहा कि विभाग में खाली पड़े पदों को भरने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. श्री सिंह बुधवार को प्रोजेक्ट भवन सभागार में आयोजित कैपिसिटी बिल्डिंग फॉर स्वच्छ भारत मिशन (अरबन) विषयक कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. कार्यशाला का आयोजन नगर विकास एवं आवास विभाग की अोर से किया गया था.
मंत्री ने कहा कि झारखंड शहरी स्वच्छता के क्षेत्र में देश में नंबर वन पायदान पर पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में और भी काम करने की जरूरत है. इसके लिए जरूरी है कि हम अपना नजरिया बदलें. उन्होंने कहा कि मात्र 4 साल की स्वच्छता अभियान ने लोगों को जागरूक कर दिया है कि वे अपने घर और आसपास की सफाई को लेकर चिंतित रहने लगे हैं.
प्रतियोगिता और भी कड़ी होनेवाली है : राजेश
स्वच्छ भारत मिशन झारखंड और राज्य शहरी विकास अभिकरण के निदेशक राजेश शर्मा ने पदाधिकारियों को स्टार रेटिंग ऑफ सिटी को लेकर तैयार रहने को कहा. इसके साथ ही कहा कि हम स्वच्छता के क्षेत्र में एक अच्छे मुकाम पर पहुंचे हैं लेकिन अब प्रतियोगिता और भी कड़ी होनेवाली है.
ऐसे में आपको और ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अब स्टार रेटिंग के लिए प्वाइंट मिलने का एक ही पैमाना होगा. शहर के सबसे गंदा हिस्से को सबसे कम स्टार मिलेंगे. ऐसे में हम इतनी सफाई जरूर सुनिश्चित करें कि कहीं गंदगी दिखे नहीं.
निदेशक ने ज्यादा रेटिंग के लिए कई महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान देने को कहा. कार्यशाला के दौरान क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से प्रदेश के सभी नगर निकायों को खुले में शौच से मुक्त होने के लिए सम्मानित किया गया. विभागीय मंत्री और निदेशक ने सभी नगर निकायों के अधिकारियों को क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा प्रमाणित प्रमाण पत्र वितरित किया.