झारखंड के कई इलाकों में बिजली की आंख मिचौली ने लोगों को परेशान कर रखा है. एक तरफ तामपान बढ़ता- घटता जा रहा है, तो दूसरी तरफ आंधी पानी बिजली का रास्ता रोक रहे हैं. पिछले कई दिनों से रूक – रूक कर हो रही बारिश और आंधी ने कई जगहों में बिजली आपूर्ति को प्रभावित किया है. राजधानी रांची के 40 फीसद इलाकों में 16 घंटे से ज्यादा हो गये बिजली नहीं है. झारखंड के कई इलाके ऐसे हैं जहां 10 घंटे से ज्यादा की लोड शेडिंग की जा रही है. घंटों से बिजली नहीं है. पढ़ें राज्य की चरमरमाती बिजली व्यवस्था र प्रभात खबर डॉट कॉम की पड़ताल. कहां है बिजली….
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झारखंड: आंधी आयी बिजली गयी, जानें कहां कितने घंटे की लोड शेडिंग
झारखंड के कई इलाकों में बिजली की आंख मिचौली ने लोगों को परेशान कर रखा है. एक तरफ तामपान बढ़ता- घटता जा रहा है, तो दूसरी तरफ आंधी पानी बिजली का रास्ता रोक रहे हैं. पिछले कई दिनों से रूक – रूक कर हो रही बारिश और आंधी ने कई जगहों में बिजली आपूर्ति को […]
रांची
आंधी पानी के कारण कई इलाकों में अबतक बिजली नहीं आयी. राजधानी रांची के 40 फीसद इलाकों में बिजली नहीं है. 60 फीसद इलाकों में बिजली है. जिन इलाकों में बिजली नहीं है उनमें लालपुर, वर्धमान कंपाउंड और हिनू सहित कई इलाके हैं. बिजली विभाग उन इलाकों में बिजली पहुंचाने में लगा है जहां परेशानी है. कल रात 10.30 बजे से इन इलाकों में बिजली गयी है और अबतक नहीं आयी है. कई मोहल्लों में छोटी समस्या है उसे भी दूर नहीं किया गया है.अभी 11 केबी लाइन में काम हो रहा है. आंधी पानी के कारण कई तार टूट गये हैं. इसे जल्द ठीक करने की कोशिश है. बिजली विभाग का दावा है कि इसे आज शाम के 4 बजे तक ठीक कर लिया जायेगा.
हजारीबाग
हमें 140 मेगावाट की जरूरत है और हमें सिर्फ 80 मेगावाट मिल रहा है. दूसरा सर्किट हजारीबाग के बरही में है वहां से भी कम बिजली मिल रहा है. बजली कम है तो आपूर्ति में भी परेशानी है. ग्रामीण शहरों में 10 घंटे जबकि शहरी क्षेत्रों में 7 घंटे की लोड शेडिंग की जा रही है. डीवीसी बिजली देना चाहता है लेकिन झारखंड विद्यूत वितरण निगम को उन्हें ट्रांसफरमर खरीद के देना था ताकि बिजली की स्टोरेज हो सके और जरूरत के आधार पर बिजली मिल सके . अबतक इन्हें खरीद कर नहीं दिया गया. एमडी राहुल पुरवार ने कहा है कि डेढ़ माह के अंदर ट्रासफरमर खरीद के दे दिया जायेगा. आपको बता दें कि यह समस्या एक साल से चल रही है है. हजारीबाग में लोड शेडिंग को लेकर छात्र संघ ने विरोध प्रदर्शन किया था.
गुमला
यहां 48 घंटे से बिजली नहीं है. 24 घंटे में औसतन 4 घंटे बिजली रह रही है. आंधी पानी के कारण कई जगह तार टूट गये हैं. कार्यलाय अभियंता सत्यनारायण पातर बताते हैं कि आंधी के कारण कई जगह बिजली पोल तार और गिरे हैं. हम उन्हें ठीक कर रहे हैं. जहां फोल्ट ठीक हो रहा है वहां बिजली दी जा रही है. बिजली की खराब हालत को देखते हुए गुमला में चैंबर ऑफ कॉमर्स विरोध प्रदर्शन कर रहा है.
बोकारो
यहां 9 घंटे बिजली काटी जा रही है. 9 घंटे बिजली ना रहने का कारण लोड शेडिंग बताया जा रहा है. आंधी तूफान आने पर इलाके में बिजली की समस्या और गंभीर हो जाती है. 10- 12 घंटे बिजली नहीं रहती. ग्रामीण इलाकों में बिजली की हालत और खराब है.
पलामू
यहां बिजली की स्थिति में पूर्व की तुलना में अपेक्षाकृत सुधार हुआ है. नेशनलग्रीड (लहलले) से जुडने के बाद पलामू को पर्याप्त बिजली मिल रही है लेकिन आपूर्ति व्यवस्था ठीक नहीं रहने के कारण हल्की तेज हवा चलने पर घंटो बिजली बाधित हो जाती है, अभी औसतन पलामू मे 16से 18 घंटा बिजली मिल रही है
गढ़वा
शहरी क्षेत्र में लगभग 12 घंटे से बिजली गायब है. ग्रामीण क्षेत्रों में हाल और बुरा है दो- दो दिनों तक यहां बिजली नहीं मिलती. हालांकि गढ़वा में आंधी पानी का कोई खास असर नहीं है. यहां 70 मेगावाट की जरूरत है जबकि 10-12 मेगावाट ही बिजली मिल रही है. सोननगर बिहार से 20-25 मेगावाट बिजली मिलता है जो रेलवे के अलावे पलामू के कुछ हिस्सों में आपूर्ति की जाती है़ बिजली की कम आपूर्ति के बाद लोड शेडिंग करके जिले में बिजली की आपूर्ति की जा रही है़.
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