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रांची :16 साल में बोर्ड ने क्या किया, खुद करें कार्यों का आकलन : सरयू राय

अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस का आयोजन मनुष्य जैव विविधता पर आधारित है, फिर भी उसे किया जा रहा है नष्ट रांची : खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा कि 2002 में झारखंड बायोडायवर्सिटी बोर्ड का गठन किया गया था. आज 16 साल हो गये हैं. इतने दिनों में बोर्ड ने क्या किया, इसका आकलन […]

अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस का आयोजन

मनुष्य जैव विविधता पर आधारित है, फिर भी उसे किया जा रहा है नष्ट

रांची : खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा कि 2002 में झारखंड बायोडायवर्सिटी बोर्ड का गठन किया गया था. आज 16 साल हो गये हैं. इतने दिनों में बोर्ड ने क्या किया, इसका आकलन खुद करना चाहिए.

यह काफी महत्वपूर्ण विषय है. लेकिन, लगता है कि हम अपने काम को नहीं करते हुए दूसरे काम में उलझे हुए हैं. इससे मूल उद्देश्य पूरा नहीं हो पाता है. श्री राय मंगलवार को होटल बीएनआर में अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे. श्री राय ने कहा कि कोई भी जैव विविधता मनुष्य पर आधारित नहीं है. मनुष्य जैव विविधता पर आधारित है. इसके बावजूद हम उसे नष्ट करते जा रहे हैं. रांची-टाटा मार्ग, रांची-कुड़ू मार्ग में कई पेड़ काट दिये गये. यह सोचना चाहिए कि यहां केवल पेड़ ही नहीं काटे गये. कई जैव विविधता नष्ट कर दिये गये.

70 फीसदी शाकाहारी खाना 12 प्रजाति से : प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ संजय कुमार ने कहा कि शाकाहारियों का 70 फीसदी खाना 12 प्रजातियों व मांसाहार का खाना 15 फीसदी प्रजातियों से मिलता है. इसके बावजूद हमलोग सात हजार प्रजातियों का उपयोग करते हैं. सरकार को जन वितरण प्रणाली के माध्यम से वैसे खाद्यान्नों का वितरण भी करना चाहिए, जो राज्य की पारंपरिक फसल है.

जैव विविधता के मामले में भारत समृद्ध

मुख्य वन प्रतिपालक एलआर सिंह ने कहा कि जिस तरह आदमी एक तरह नहीं होते हैं, उसी तरह जीव-जंतु भी एक नहीं होते हैं. भारत जैव विविधता के मामले में समृद्ध है. यहां आठ अलग-अलग जैव विविधता वाले रीजन हैं.

पूरा इको सिस्टम एक दूसरे पर आधारित है. इसे बचाने की जरूरत है. जैव विविधता को हम कृत्रिम रूप से तैयार नहीं कर सकते हैं. इस कारण पौराणिक चीजों का संरक्षण जरूरी है. कार्यक्रम में कार्यकारी निदेशक (बंजर भूमि) शशि नंदकुलियार ने भी विचार रखा.

बायोडायवर्सिटी बोर्ड के निदेशक केपी पांडेय ने कहा कि पहले 29 दिसंबर को इस दिवस का आयोजन होता था. लेकिन, दिसंबर में छुट्टियों के कारण लोग आयोजन की गंभीरता को नहीं समझ पाते थे. इसके बाद इसे 22 मई को आयोजित किया जाने लगा. आज बायोडायरवर्सिटी खोजे जाने से ज्यादा तेजी से नुकसान हो रहा है. कार्यक्रम का संचालन मीनाक्षी शर्मा व धन्यवाद ज्ञापन बोर्ड के सदस्य सचिव केएम शर्मा ने किया.

पुरस्कृत किये गये बच्चे

बायोडायवर्सिटी दिवस के मद्देनजर पूर्व में स्कूलों में प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया था. इसमें पहला स्थान पर आने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया गया.

ग्रुप ए (वर्ग आठ से 10) के ड्राइंग में जेवीएम की शैलजा नंद, निबंध में संत थॉमस की तारूषि कंवर व स्लोगन में ब्रिजफोर्ड की शैलजा केडिया को पुरस्कृत किया गया. ग्रुप बी (वर्ग 11 से 12) में ड्राइंग में डीपीएस के अंकित कुमार, निबंध में सरस्वती शिशु मंदिर के कुणाल कुमार व ब्रिजफोर्ड के अविलाश आर्यन को पुरस्कृत किया गया.

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