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जमीन के पेच में फंस कर रह गये ट्रांसपोर्ट नगर और आरएसबीटी
शहर की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए बनी थी योजना रांची : राजधानी रांची की बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था सबसे बड़ी परेशानी है. इससे शहर की बड़ी आबादी रोजाना प्रभावित होती है. इसी परेशानी को दुरुस्त करने के लिए ट्रांसपोर्ट नगर और अंतरराज्यीय बस अड्डा (आरएसबीटी) बनाने की योजना बनायी गयी है. हालांकि, ये […]
शहर की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए बनी थी योजना
रांची : राजधानी रांची की बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था सबसे बड़ी परेशानी है. इससे शहर की बड़ी आबादी रोजाना प्रभावित होती है. इसी परेशानी को दुरुस्त करने के लिए ट्रांसपोर्ट नगर और अंतरराज्यीय बस अड्डा (आरएसबीटी) बनाने की योजना बनायी गयी है.
हालांकि, ये दोनों योजनाएं कागजों से बाहर नहीं निकल पा रही हैं. ट्रांसपोर्ट नगर पहले कांके के चेरी-मनातू में प्रस्तावित था. बाद में इसे पंडरा बाजरा समिति परिसर में बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया, लेकिन इस योजना में कोई प्रगति नहीं दिख रही है.
वहीं, नामकुम के सरवल में आरएसबीटी के निर्माण की योजना 18 साल पहले बनी थी, लेकिन इस योजना की राह पर सरकार एक कदम भी नहीं चल पायी है.
पूर्व में ट्रांसपोर्ट नगर और आरएसबीटी के निर्माण का जिम्मा रांची क्षेत्रीय विकास प्राधिकार (आरआरडीए) का था. अब दोनों कार्य जुडको को सौंपे गये हैं. जुडको के अधिकारियों ने योजना के लिए जमीन अधिग्रहण की जरूरत बतायी है. उसके बाद से काम आगे नहीं बढ़ सका है. क्योंकि दोनों योजनाओं में जमीन का पेच फंसा हुआ है.
2002 में बनायी गयी थी आरएसबीटी की योजना
रांची में अंतरराज्यीय बस अड्डा निर्माण की योजना वर्ष 2002 में ही बनायी गयी थी.वर्ष 2008-09 में में रांची क्षेत्रीय विकास प्राधिकार (आरआरडीए) ने नामकुम के सरवल में स्थल का चयन किया. कुल 30 एकड़ जमीन चिह्नित की गयी. जमीन अधिग्रहण के दौरान होनेवाले झंझटों से बचने के लिए ऐसी जगह का चयन किया गया था, जहां ज्यादातर सरकारी जमीन थी. जमीन के अधिग्रहण के लिए वर्ष 2010 में 3.25 करोड़ रुपये राज्य सरकार ने आरआरडीए को उपलब्ध कराया था. उसके बाद से इस दिशा में काम आगे नहीं बढ़ सका है.
50 एकड़ जमीन पर प्रस्तावित है ट्रांसपोर्ट नगर
कांके के चेरी-मनातू में ट्रांसपोर्ट नगर भी प्रस्तावित था. वहां 50 एकड़ जमीन ट्रांसपोर्ट नगर निर्माण के लिए चिह्नित की गयी थी. नगर विकास विभाग ने जमीन अधिग्रहण के लिए वर्ष 2010 में ही 7.5 करोड़ रुपये जारी कर दिये थे.
हालांकि, जिला प्रशासन द्वारा ट्रांसपोर्ट नगर निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण की कोई कार्यवाही नहीं की गयी. इसके बाद वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री रघुवर दास के निर्देश के बाद पंडरा में ट्रांसपोर्ट नगर का प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया गया. लेकिन, इसके लिए जमीन हस्तांतरण की कार्यवाही अब तक नहीं की गयी है.
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