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रांची : हाइकोर्ट ने किया धनबाद के अधिवक्ता की गिरफ्तारी मामले में हस्तक्षेप से इनकार
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में बुधवार को अधिवक्ताअों की पिटाई मामले में दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दाैरान धनबाद के अधिवक्ता अश्विनी कुमार की गिरफ्तारी का मामला उठाया गया. जस्टिस एचसी मिश्र व जस्टिस बीबी मंगलमूर्ति की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए धनबाद के वकील अश्विनी कुमार की गिरफ्तारी मामले में किसी भी प्रकार […]
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में बुधवार को अधिवक्ताअों की पिटाई मामले में दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दाैरान धनबाद के अधिवक्ता अश्विनी कुमार की गिरफ्तारी का मामला उठाया गया.
जस्टिस एचसी मिश्र व जस्टिस बीबी मंगलमूर्ति की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए धनबाद के वकील अश्विनी कुमार की गिरफ्तारी मामले में किसी भी प्रकार का आदेश देने से इनकार कर दिया. खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में कानून अपना काम करेगा. वह पुलिस के काम में हस्तक्षेप नहीं करेगा. वैसी स्थिति में कोर्ट कोई आदेश पारित नहीं कर सकती है. खंडपीठ ने कड़े शब्दों में यह भी कहा कि यदि गिरफ्तारी के विरोध में अधिवक्ता हड़ताल पर रहेंगे, तो कोर्ट उसे अवैध भी घोषित कर सकती है. खंडपीठ ने इस मामले में याचिका दायर करने की छूट प्रदान की.
खंडपीठ ने जिला बार एसोसिएशन, धनबाद के अध्यक्ष राधेश्याम गोस्वामी की दलील को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से धनबाद जिला जज को इस मामले से अलग रहने काे कहा है. राधेश्याम गोस्वामी ने खंडपीठ को बताया कि जिला जज ने अधिवक्ताअों के साथ बैठक कर बताया है कि वह इस मामले को हल करने के इच्छुक हैं.
अधिवक्ता शैलेश कुमार सिंह ने मामले की जांच जिला पुलिस के अतिरिक्त किसी अन्य एजेंसी को सौंपने का आग्रह किया. उन्होंने पुलिस पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने की संभावना जतायी. उल्लेखनीय है कि छेड़खानी के आरोप में पुलिस ने अधिवक्ता अश्विनी कुमार को गिरफ्तार किया था. पुलिस के व्यवहार के खिलाफ जिला बार एसोसिएशन, धनबाद के अधिवक्ता दो मई से आंदोलन पर हैं.
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