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कर्ज नहीं चुकाया, तो टोरी के एस्सार पावर प्लांट का एनसीएलटी ने किया अधिग्रहण, इन कंपनियों पर संकट

II सुनील चौधरी II रांची : नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने कर्ज में डूबे एस्सार पावर झारखंड लिमिटेड (इपीजेएल) के खिलाफ इनसोल्वेंसी प्रोसेडिंग की अनुमति दी है. इसके लिए इंटरीम रेजल्यूशन प्रोफेशनल (आइआरपी) को नियुक्त कर दिया है. एनसीएलटी ने दिवालियापन कोड के तहत चंदवा के टोरी स्थित एस्सार पावर प्रोजेक्ट को अपने कब्जे […]

II सुनील चौधरी II
रांची : नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने कर्ज में डूबे एस्सार पावर झारखंड लिमिटेड (इपीजेएल) के खिलाफ इनसोल्वेंसी प्रोसेडिंग की अनुमति दी है. इसके लिए इंटरीम रेजल्यूशन प्रोफेशनल (आइआरपी) को नियुक्त कर दिया है.
एनसीएलटी ने दिवालियापन कोड के तहत चंदवा के टोरी स्थित एस्सार पावर प्रोजेक्ट को अपने कब्जे में ले लिया है. एस्सार पावर पर प्लांट की संपत्ति को हस्तांतरित करने पर पाबंदी लगा दी है.
टोरी में एस्सार पावर की ओर से 1200 मेगावाट का पावर प्लांट लगाया जाना था. लगभग 40 फीसदी काम हो चुका था.अाइसीआइसीअाइ बैंक के 3468.29 करोड़ बकाया : एस्सार पावर झारखंड पर अाइसीआइसीअाइ बैंक के 3468.29 करोड़ रुपये बकाया हैं. कंपनी इसे देने में असमर्थ है. ट्रिब्यूनल ने आदेश दिया है कि एस्सार पावर झारखंड से संबंधित लोग आइआरपी को पूरा सहयोग करें. आइआरपी को तत्काल एस्सार पावर झारखंड लिमिटेड के खिलाफ दिवालिया याचिका के प्रवेश के संबंध में सार्वजनिक घोषणा करने का भी निर्देश दिया है.
आइआरपी को यह निर्देश भी दिया है कि अगर एस्सार पावर झारखंड लिमिटेड के पूर्व प्रबंधन या पूर्व-निदेशकों की ओर से कोई उल्लंघन किया जाता है, तो उचित आदेश पारित करने के लिए ट्रिब्यूनल में अपील दायर करें.
आइसीआइसीआइ बैंक की याचिका की सुनवाई के बाद एनसीएलटी ने कर्ज वसूली के लिए उठाया कदम
इन कंपनियों पर भी संकट
कर्ज नहीं चुकाने की स्थिति में ही चंदनकियारी स्थित इलेक्ट्रो स्टील के स्टील प्लांट के लिए भी अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है
चंदवा स्थित अभिजीत ग्रुप के पावर प्लांट को कर्ज वसूली के लिए बैंकर्स समिति ने अधिग्रहण कर लिया है
कोल ब्लॉक रद्द होने के वजह से टाटा पावर ने भी तिरूलडीह से अपना प्रस्ताव वापस ले लिया है
गोड्डा में जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड ने पावर प्लांट लगाने की दिशा में अपना सारा कामकाज बंद कर दिया हैएनसीएलटी ने आइआरपी को पावर प्लांट चलाने के समाधान ढूंढ़ने के लिए नियुक्त किया है. कानूनी रूप से यह कंपनी अब एस्सार पावर की नहीं रही. आइअारपी सरकार अथवा विभिन्न कंपनियों से बातचीत कर यह प्रयास करेगी कि यह पावर प्लांट चले. ताकि बिजली उत्पादन हो.
– सौरभ जैन, आइआरपी
एनसीएलटी के आदेश पर टोरी स्थित पावर प्लांट का कंट्रोल अब आइआरपी के हाथों में है. कंपनी का अब अधिकार नहीं रहा. इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं कह सकता. बेहतर होगा आइआरपी के लोगों से बात करें.
– शैलेंद्र साहा, सीइओ, एस्सार पावर झारखंड लिमिटेड
क्या है एस्सार पावर प्लांट का मामला
एस्सार पावर झारखंड लिमिटेड चंदवा के टोरी में 1200 मेगावाट का पावर प्लांट लगा रहा था. कंपनी को चकला और अशोक केरकेट्टा कोल ब्लॉक आवंटित हुआ था. कंपनी ने 40 फीसदी तक काम पूरा कर लिया था.
इसी बीच 2014 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कोल ब्लॉक का आवंटन रद्द कर दिया गया. इस दौरान कंपनी लगभग 3500 करोड़ का निवेश कर चुकी थी. आवंटन रद्द होने के बाद कंपनी कर्ज के बोझ में दबती चली गयी. आइसीआइसीआइ बैंक ने कर्ज न चुकाने की स्थिति में एनसीएलटी में याचिका दायर की थी. एनसीएलटी ने पांच अप्रैल को कंपनी के अधिग्रहण का आदेश दे दिया.

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