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नगर सरकार चुनाव परिणाम : शहर से लेकर कस्बे तक भाजपा की तेज धार, विपक्षी दलों को नहीं मिली पतवार
II आनंद मोहन II आनेवाले दिनों के लिए नया संदेश लेकर आया है चुनाव का यह परिणाम नगर निकाय के चुनाव में हर तरफ कमल ही खिला. शहर से लेकर कस्बे तक हर जगह भाजपा की आंधी में बिखरे हुए विपक्ष ढेर हो गये़ भाजपा की चुनावी धार ऐसी थी कि विपक्ष को कहीं पतवार […]
II आनंद मोहन II
आनेवाले दिनों के लिए नया संदेश लेकर आया है चुनाव का यह परिणाम
नगर निकाय के चुनाव में हर तरफ कमल ही खिला. शहर से लेकर कस्बे तक हर जगह भाजपा की आंधी में बिखरे हुए विपक्ष ढेर हो गये़ भाजपा की चुनावी धार ऐसी थी कि विपक्ष को कहीं पतवार नहीं मिली. सारे विपक्ष मिल कर भी भाजपा के आंकड़े नहीं छू पाये. नगर निगम क्षेत्र में भाजपा ने सब को खदेड़ा. पांच जगह हुए नगर निगम चुनाव में भाजपा ने साबित किया कि शहर में उसके मजबूत गढ़ हैं. पांचों नगर निगम में मेयर और डिप्टी मेयर दोनों ही पदों पर भाजपा का कब्जा रहा़ रांची, हजारीबाग, गिरिडीह, आदित्यपुर, मेदिनीनगर में भाजपा की तुती बोली. वहीं झामुमो, कांग्रेस, राजद का खाता नहीं खुला. झामुमो की साख इस चुनाव में नहीं बची़
संथाल परगना हो या उत्तरी छोटानागपुर या फिर कोल्हान या दक्षिणी छोटानागपुर झामुमो के पास अब बताने के लिए कुछ नहीं है़ नगर परिषद में अध्यक्ष के लिए दो पद और नगर पंचायत में एक अध्यक्ष पद पर ही झामुमो का खाता खुल पाया़ 34 जगहों पर हुए चुनाव में झामुमो से चार ही उपाध्यक्ष बन पाये़ कांग्रेस की स्थिति भी हंसने या गाल फुलाने लायक नहीं है़ भले ही विपक्ष में पांच अध्यक्ष और तीन उपाध्यक्ष की सीटों के साथ जेएमएम को मात देकर सीना चौड़ा कर ले, लेकिन इसकी नगर पंचायत में खाता तक नहीं खुल पाया.
जेवीएम भी इस चुनाव में पूरी तरह पस्त रहा़ नगर निगम के साथ-साथ नगर परिषद में एक भी अध्यक्ष का पद नहीं मिला. पूरे नगर निकाय चुनाव में जेवीएम को एक अध्यक्ष का पद हाथ लगा़ राज्य भर में जेवीएम तीन उपाध्यक्ष की सीट जीत पाया़ भाजपा के खिलाफ ताल ठोंकने वाली आजसू भी चित हो गयी़ आजसू को पूरे राज्य में दो अध्यक्ष और दाे उपाध्यक्ष के पद पर सफलता मिली़
नगर निकाय चुनाव ने झारखंड में राजनीति का नया अध्याय खोल दिया है़ बिखरा हुआ विपक्ष इस समय भाजपा से मुकाबले में दूर-दूर तक नहीं है़ निकाय चुनाव में भाजपा का धारदार संगठन, बूथ से लेकर जिला तक चुनावी मैनेजमेंट और सरकार के चुनाव में सरकार का विकास का एजेंडा काम आया़ विपक्ष मतदाताओं को किसी भी एजेंडे से अपनी ओर नहीं कर पाये़ आने वाले दिनों के लिए निकाय चुनाव का यह परिणाम नया संदेश लेकर आया है़ अब विपक्ष को आगे बढ़ने के लिए नयी रणनीति व नया मुद्दा ढूंढ़ना होगा. आजसू को भी नयी दिशा तलाशनी होगी.
भाजपा जिस रफ्तार के साथ राज्य में आगे बढ़ रही है, विपक्ष को उसे मात देने के लिए उसी तरह की रणनीति, चुनावी मैनेजमेंट और एजेंडा बनाना होगा. अपनी पार्टी प्रत्याशी के लिए जिस तरह से विधायकों व मंत्रियों ने जी-जान से मेहनत की, उस ओर भी ध्यान केंद्रित करना होगा. बहरहाल, इस चुनाव ने जनता की मनोभावना को मथा है, वह आगे भी शायद यही रास्ता अपनायेगी.
पांचों नगर निगम पर भाजपा का कब्जा
शहर, कस्बा हर जगह भाजपा ने बिखरे विपक्ष को उखाड़ फेंका
नगर निगम में भाजपा ने किसी को घुसने नहीं दिया
नगर पंचायत में भी नहीं खुला कांग्रेस का खाता
जेवीएम नगर परिषद में भी एक सीट नहीं जीत सका, जेएमएम की साख नहीं बच सकी
भाजपा का धारदार संगठन, चुनावी मैनेजमेंट और सरकार का विकास का एजेंडा काम आया
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