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मामला हरमू फ्लाइ ओवर का: किसकी गलती से डिबार कंपनी को मिला टेंडर?

सुनील चौधरी नगर विकास मंत्री ने अपर मुख्य सचिव को पत्र भेज कर पूछा रांची : हरमू फ्लाई ओवर का टेंडर रद्द होने के मामले को नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने गंभीरता से लिया है. उन्होंने विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह को पत्र लिखकर पूरे मामले की जानकारी मांगी है. साथ […]

सुनील चौधरी

नगर विकास मंत्री ने अपर मुख्य सचिव को पत्र भेज कर पूछा
रांची : हरमू फ्लाई ओवर का टेंडर रद्द होने के मामले को नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने गंभीरता से लिया है. उन्होंने विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह को पत्र लिखकर पूरे मामले की जानकारी मांगी है. साथ ही पूछा है कि किसकी गलती से डिबार हो चुकी मुंबई की कंपनी सुप्रीम इंफ्रा को हरमू फ्लाइ ओवर का टेंडर दिया गया. पत्र में मंत्री ने प्रभात खबर के 27 मार्च के अंक में प्रकाशित समाचार का भी उल्लेख किया है. कहा है कि समाचार पत्र में प्रकाशित खबर से उन्हें जानकारी मिली कि हरमू फ्लाई ओवर का टेंडर रद्द कर दिया गया है. इसकी वजह है डिबार कंपनी को टेंडर दिया जाना.

टेंडर प्रक्रिया की जानकारी मांगी : मंत्री सीपी सिंह ने अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह से हरमू फ्लाइ ओवर की टेंडर प्रक्रिया की जानकारी मांगी है. साथ ही पूछा है कि टेंडर कमेटी में कौन लोग थे? सुप्रीम इंफ्रा को झारखंड में पहले से ही पथ निर्माण विभाग ने डिबार कर रखा था, यह बात किसी को कैसे पता नहीं चली? मंत्री ने अपर मुख्य सचिव से कहा है कि मामले की जांच कर बतायें कि दोषी कौन है और उस पर क्या कार्रवाई की गयी है?

टेंडर कमेटी पर उठ रहे हैं सवाल : हरमू फ्लाई ओवर का टेंडर लगभग एक साल बाद रद्द किये जाने के मामले में अब टेंडर कमेटी पर ही सवाल उठ रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि झारखंड के ही पथ निर्माण विभाग द्वारा सुप्रीम इंफ्रा को डिबार किया गया है, लेकिन इस बात की जानकारी टेंडर कमेटी को कैसे नहीं हुई? वह भी तब, जबकि टेंडर कमेटी में पथ निर्माण विभाग के अभियंता भी शामिल हैं. हरमू व कांटाटोली फ्लाई ओवर निर्माण के लिए बनी टेंडर कमेटी में जुडको के परियोजना निदेशक तकनीकी, परियोजना निदेशक लेखा, परियोजना निदेशक प्रशासन, जुडको के तत्कालीन जीएम आरडी सिन्हा, पथ निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता राजदेव सिंह, भवन निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता टेकरीवाल, नगर विकास विभाग की उपसचिव एमजे तिग्गा है. इसी कमेटी द्वारा टेंडर का मूल्यांकन भी किया गया. टेंडर कमेटी ने विभाग के प्रधान सचिव सह सीएमडी जुडको से भी फाइल पर साइन कराया.
कांटाटोली फ्लाई ओवर पर भी ऑडिट टीम ने सवाल उठाया था
कांटाटोली फ्लाई ओवर की दर को लेकर भी ऑडिट टीम ने सवाल उठाया था. इसमें कहा गया था कि प्राक्कलित राशि से 10.76 प्रतिशत अधिक दर पर काम दिया गया है. इसके बाद जुडको ने कांटाटोली फ्लाईओवर के लिए चयनित संवेदक मोदी प्रोजेक्ट्स से बात कर दर में संशोधन कर दिया. बताया गया कि पूर्व में 40.64 करोड़ रुपये का काम दिया गया था. इसमें संशोधन कर 30 लाख रुपये कम किये गये हैं. यानी अब कंपनी को 40.34 करोड़ रुपये दिये जायेंगे. कंपनी भी दर संशोधन पर हस्ताक्षर कर चुकी है.
नये कार्यादेश में लग जायेंगे दो से तीन महीने
130 करोड़ की लागत से बननेवाले हरमू फ्लाईओवर का टेंडर मुंबई की कंपनी सुप्रीम इंफ्रा को दिया गया था. इसके लिए जिला प्रशासन सोशल इंपैक्ट असेसमेंट(एसआइए) करा चुका है. संपत्ति का मूल्यांकन भी हो चुका है. इसी बीच अब टेंडर रद्द कर दिया गया है. यानी एक बार फिर से फ्लाईओवर के लिए निविदा निकाली जायेगी. इसके बाद एल वन कंपनी का चयन किया जायेगा. नया कार्यादेश दिया जायेगा. इस पूरी प्रक्रिया में दो से तीन माह लग जायेगा.
नगर विकास की कंपनी जुडको ही टेंडर कराती है. मुझे समाचार पत्र के माध्यम से हरमू फ्लाई ओवर का टेंडर रद्द होने की सूचना मिली है. मैंने विभाग से की पूरी जानकारी मांगी है.
सीपी सिंह, नगर विकास मंत्री, झारखंड
हरमू फ्लाई ओवर के निर्माण का टेंडर मुंबई की कंपनी सुप्रीम इंफ्रा को दिया गया था. लेकिन, कंपनी का काम काफी धीमा था. इस वजह से टेंडर रद्द कर दिया गया है.
डीके सिंह, परियोजना निदेशक, जुडको

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