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झारखंड : सोलर कंपनियों की दर ज्यादा या कम, अब आयोग करेगा फैसला, इन कंपनियों को लगाना है सोलर पावर प्लांट

II सुनील चौधरी II जेरेडा ने विद्युत नियामक आयोग से किया आग्रह रांची : झारखंड में 4.95 रुपये प्रति यूनिट की दर से सौर ऊर्जा की बिजली खरीदी जायेगी या नहीं, अब इसका फैसला झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग करेगा. जेरेडा ने छह कंपनियों के साथ 675 मेगावाट सौर ऊर्जा के लिए किये गये करार […]

II सुनील चौधरी II
जेरेडा ने विद्युत नियामक आयोग से किया आग्रह
रांची : झारखंड में 4.95 रुपये प्रति यूनिट की दर से सौर ऊर्जा की बिजली खरीदी जायेगी या नहीं, अब इसका फैसला झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग करेगा. जेरेडा ने छह कंपनियों के साथ 675 मेगावाट सौर ऊर्जा के लिए किये गये करार पर अब नियामक आयोग से सहमति देने का अाग्रह करते हुए एक पिटीशन आयोग को भेज दिया है.
जेरेडा ने कहा है कि राज्य सरकार इन कंपनियों से 4.95 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदेगी और इस दर पर आयोग से सहमति मांगी गयी है. दूसरी ओर आयोग द्वारा इस दर पर आपत्ति मांगी गयी थी. झारखंड स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन(जेसिया) द्वारा इस दर पर कड़ा एतराज जताया गया है और दर पर सहमति न देने का अाग्रह आयोग से किया गया है.
राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार लगातार इस मामले को उठाते रहे हैं कि ऊंची दर पर सौर ऊर्जा की बिजली सरकार खरीदने जा रही है. जबकि, अन्य राज्यों में इसकी दर 2.50 रुपये प्रति यूनिट के आसपास है. आयोग इस पूरे मामले की सुनवाई 22 मार्च को करेगा.
इन कंपनियों को लगाना है सोलर पावर प्लांट
कंपनी क्षमता(मेगावाट में)
रिन्यू सोलर पावर 391.5
सुजलान एनर्जी लिमिटेड 131.25
ओपीजी पावर जनेरेशन प्राइवेट लिमिटेड 93
अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड 37.5
माधव इंफ्राप्रोजेक्ट्स लिमिटेड 15
कार्वी सोलर पावर लिमिटेड 7.5
क्या है मामला
जेरेडा द्वारा जनवरी 2016 में 1200 मेगावाट की सोलर परियोजना स्थापित करने के लिए निविदा निकाली गयी थी. इसमें कंपनियों से दर की मांग की गयी थी. इसमें आठ कंपनियों का चयन उनके द्वारा दी गयी न्यूनतम दर के आधार पर किया गया
इन कंपनियों का चयन 1101 मेगावाट के लिए किया गया. झारखंड सरकार ने निविदा के पूर्व प्रावधान कर दिया था कि झारखंड में 1200 मेगावाट की सोलर परियोजना स्थापित होने पर इससे उत्पादित सारी बिजली झारखंड सरकार खरीदेगी. कैबिनेट से भी इसका प्रावधान किया गया. इसके बाद जेरेडा द्वारा निविदा निकाली गयी. निविदा की शर्तों के 23 मई 2016 को जेरेडा द्वारा चयनित अाठों कंपनियों को लेटर अॉफ इंटेट (एलओआइ) निर्गत कर दिया गया. पर झारखंड बिजली वितरण निगम द्वारा यह कह कर पावर परेचज एग्रीमेंट नहीं किया जा रहा था कि दर अधिक है.
तब दर 5.63 रुपये प्रति यूनिट की थी. तब सरकार ने दर के निर्धारण के लिए मंत्री सरयू राय की अध्यक्षता में अंतर मंत्रालय समूह बना दिया. इस समूह द्वारा अंतिम रूप से 4.95 रुपये प्रति यूनिट की दर तय की गयी. साथ ही सभी कंपनियों की क्षमता में 25 फीसदी की कटौती की गयी. यानी 1101 मेगावाट की जगह लगभग 675 मेगवाट क्षमता के पावर प्लांट लगाने की मंजूरी दी.
हालांकि, इस दौरान दो कंपनियों एक्मे सोलर होल्डिंग प्रा. लिमिटेड व सन एडिशन ने झारखंड में पावर प्लांट लगाने के प्रस्ताव को वापस ले लिया. इधर, सभी कंपनियों ने अपना बैंक गारंटी भी जमा कर दिया है. जो लगभग 750 करोड़ रुपये है. कंपनियों का कहना है कि इस राशि का ब्याज भी देना पड़ रहा है. पर सरकार कोई निर्णय नहीं ले रही है.
जिसके कारण सोलर पावर प्लांट लगाने की दिशा में कोई कंपनी नहीं काम कर रही है. अब सरकार ने पूरे मामले को ही आयोग को सौंप दिया है. सूत्रों ने बताया कि आयोग यदि दर को लेकर संतुष्ट नहीं हुआ तो यह पूरी निविदा ही रद्द हो जायेगी.

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