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जाम के दौरान घोंघे की तरह चलता है ट्रैफिक सड़कों को अतिक्रमण मुक्त रखें : हाइकोर्ट
सुनवाई. नगर विकास विभाग के अधिकारियों को लगी फटकार रांची : जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान नगर विकास विभाग द्वारा सड़कों को जाम से निजात दिलाने के लिए पॉलिसी नहीं बताने पर खंडपीठ ने नाराजगी जाहिर की. खंडपीठ ने माैखिक रूप से कहा कि राजधानी में सड़कों के किनारे दुकानें लगती हैं. इससे ट्रैफिक […]
सुनवाई. नगर विकास विभाग के अधिकारियों को लगी फटकार
रांची : जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान नगर विकास विभाग द्वारा सड़कों को जाम से निजात दिलाने के लिए पॉलिसी नहीं बताने पर खंडपीठ ने नाराजगी जाहिर की. खंडपीठ ने माैखिक रूप से कहा कि राजधानी में सड़कों के किनारे दुकानें लगती हैं. इससे ट्रैफिक बाधित होता है.
लोग परेशान होते हैं. पैदल चलना भी मुश्किल होता है. प्रमुख सड़कों पर जाम की वजह से ट्रैफिक घोंघे की चाल से चलता है. ऐसा प्रतीत होता है कि फुटपाथ दुकानदारों व पुलिस के बीच सांठगांठ है. ऐसे में सड़कों पर लगनेवाली फुटपाथ दुकानों को हटाने की जरूरत है. फुटपाथ दुकानदारों के लिए भी अलग से व्यवस्था की जानी चाहिए. सड़कों को अतिक्रमण मुक्त बनायें, ताकि सुचारू रूप से ट्रैफिक का संचालन हो सके.
नगर निगम की कार्यशैली पर खंडपीठ ने नाराजगी जताते हुए कहा कि निगम द्वारा पार्किंग की समुचित व्यवस्था नहीं की गयी है. पार्किंग सही नहीं होने पर उसका ट्रैफिक व्यवस्था पर असर पड़ता है. ट्रैफिक सिस्टम में सुधार का कोई लक्षण दिखाई नहीं दे रहा है.
खंडपीठ ने कहा कि राजधानी के गली-मोहल्लों के रेसिडेंसियल एरिया में भी कॉमर्शियल कॉपलेक्स का निर्माण हो रहा है. इस कारण सड़कें जाम होती है. इस पर अंकुश लगाने की जरूरत है. नगर निगम कार्रवाई क्यों नहीं करती है.
स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का निर्देश : खंडपीठ ने नगर विकास, पथ निर्माण विभाग, रांची नगर निगम व झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया. अलग-अलग शपथ पत्र दाखिल कर सुधार के लिए उठाये गये कदमों की पूरी जानकारी देने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने यह भी कहा कि यदि जवाब दाखिल नहीं किया जाता है, तो हाइकोर्ट कड़ा रुख अख्तियार करेगा. खंडपीठ ने प्रदूषण व ट्रैफिक की समस्या महत्वपूर्ण है.
झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से पूछा कि राजधानी सहित राज्य के जिलों में प्रदूषण की क्या स्थिति है. कहां-कहां डिसप्ले लगाया गया है. पीआरडी के माध्यम से लोगों को प्रदूषण की जानकारी क्यों नहीं दी जाती है. खंडपीठ ने बोर्ड को यह सुनिश्चित करने को कहा कि वायु प्रदूषण पर लोगों को जागरूक करने के लिए प्रतिदिन दैनिक समाचार पत्रों में प्रदूषण के आंकड़ों का प्रकाशन किया जाये. प्रदूषण के मानक भी प्रदर्शित किये जायें. प्रतिदिन वायु व जल प्रदूषण का स्तर बताया जाये. खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 21 मार्च की तिथि निर्धारित की.
मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा गया था
उल्लेखनीय है कि प्रार्थी राहुल कुमार दास ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा था. हाइकोर्ट ने पत्र को जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. इसमें कहा गया है कि कांटाटोली व रातू रोड में प्रवेश करनेवाले भारी वाहनों की गति काफी तेज रहती है. इससे दुर्घटनाएं होती है. कांटाटोली चाैक पर एक महिला स्कूल बस से अपने बच्चे को लेने के बाद सड़क पार कर रही थी. उन्हें ट्रेलर ने कुचल दिया. रातू रोड में भी एक वाहन ने साइकिल सवार को कुचल दिया. यह कुछ उदाहरण है. रातू रोड में पैदल चलना भी खतरनाक हो गया है.
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